Fri. Mar 29th, 2024
    इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट-अहमदाबाद के लोगो बदलने के विचार पर विरोध कर रहे 45 प्रोफेसर।

    इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) अपने मौजूदा लोगो(logo) को दो नए डिजाइनों के साथ बदलने पर विचार कर रहा है। इस दो नए डिजाइनों के अंतर्गत एक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए और दूसरा घरेलू के लिए विचार हो रहा है।

    हालांकि इस कदम को आलोचना मिली है, जो दावा करते हैं कि निर्णय संकाय सदस्यों से परामर्श के बिना लिया गया है। इस संबंध में बुधवार को संस्था के 45 प्रोफेसरों ने इस कदम का विरोध करते हुए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

    विचाराधीन लोगो को 1961 में आईआईएम अहमदाबाद द्वारा संस्थान की स्थापना के समय अपनाया गया था। लोगो में ‘ट्री ऑफ लाइफ’ का एक रूपांकन है, जो अहमदाबाद में सिदी सैय्यद मस्जिद की एक उत्कृष्ट नक्काशीदार पत्थर की जाली या जंगला से प्रेरित है। इसे 1573 ईस्वी में बनाया गया था। लोगो में एक संस्कृत श्लोक “विद्या विनियोगद्विकास” है जिसका अर्थ है, ज्ञान के वितरण या अनुप्रयोग के माध्यम से विकास।

    नए लोगो में मस्जिद की ग्रिल की छाप कम प्रमुखता से  मौजूद है। जबकि संस्कृत का श्लोक सिर्फ अंतरराष्ट्रीय लोगो में ही है।

    हिंदुस्तान टाइम्स के मीडिया रिपोर्ट के हवाले से लोगो के परिवर्तन की खबर संकाय के लिए एक आश्चर्य के रूप में आई है। संस्थान के बोर्ड ऑफ़ डिरेक्टटर्स  (BoG) को संबोधित पत्र में लिखा है, “आईआईएम-ए के संकाय सदस्यों को मार्च को अकादमिक परिषद की बैठक में सूचित किया गया था। आईआईएम-ए लोगो के प्रस्तावित परिवर्तन में से 4। ऐसा लगता है कि आईआईएम-ए बोर्ड ने इस बदलाव को मंजूरी दे दी है और दो नए लोगो पहले ही पंजीकृत किए जा चुके हैं।

    लिखित पत्र में आगे कहा गया है, “लोगो हमारी पहचान है – जाली और संस्कृत कविता हमें और हमारे भारतीय लोकाचार को परिभाषित करती है। हमारे लिए यह हमारी भारतीयता का प्रतीक है, “विद्या” से हमारा जुड़ाव, संस्थान से हमारा जुड़ाव।

    इसे देश, उद्योग, समाज, छात्रों और प्रबंधन अनुशासन के “विकास” के प्रति प्रतिबद्धता बताते हुए, संकाय का दावा है कि वर्तमान लोगो उनका दर्शन और मिशन स्टेटमेंट है। संकाय सदस्यों ने लिखा, “इसमें कोई भी बदलाव, या तो कलात्मक प्रस्तुति में या पद्य में परिवर्तन, हमारी पहचान पर हमला है।”

    फैकल्टी ने आगे कहा कि लोगो के परिवर्तन के दूरगामी प्रभाव होंगे और संस्थान के ब्रांड और इसके हितधारकों पर दीर्घकालिक परिणाम होंगे।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *