आलोक नाथ के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ कराने के बाद लेखिका और निर्देशक विंता नंदा ने कहा है कि अगर आलोक को पश्चताप और पछतावा होगा तो वह उन्हें क्षमा कर सकती हैं। विंता ने कहा है कि
मैं किसी प्रकार का बदला नहीं लेना चाहती हूँ। मैं सिर्फ सुधार चाहती हूँ बदला नहीं। कुछ पश्चाताप करो। तुम्हे हो रहे पछतावे का संकेत दो।
मुझे इस बारे में निश्चिंत करो कि जैसा मेरे साथ हुआ अब किसी के साथ नहीं होगा। अभी तो मुझे सिर्फ घमंड और बेशर्मी ही नज़र आ रही है। अगर जैसा मैं चाहती हूँ वैसा हुआ तो मैं समझूंगी कि मेरी लड़ाई सफल रही।
इस वारदात से जुड़े क़ानूनी मसले के बारे में विंता ने बताया कि एफआईआर मंगलवार को दर्ज़ हुआ था और मीडिया को इसबारे में बुधवार की सुबह पता चला है। विंता ने आगे कहा कि
यदि मीडिया नहीं होता तो मैं इस लड़ाई में इतनी दूर नहीं आ पाती। अपने दोस्तों से बहुमूल्य सहयोग पाकर मैं खुद को भाग्यशाली महसूस करती हूँ।
विंता ने बताया कि इस लड़ाई में वह अकेली नहीं हैं उनके साथ उनकी माँ, परिवार के कई सदस्य और मित्र भी खड़े हैं। विंता की तरफ से मुंबई की तीन सबसे अच्छी वकील बिना पैसे के यह केस लड़ रही हैं। विंता ने बताया कि इस लड़ाई में उन्हें पैसे की चिंता करने की की जरूरत ही नहीं है।
विंता को लगता है कि मीटू मूवमेंट ने हमारे देश को जगा दिया है और देश के निवासियों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया है। उन्होंने आगे कहा कि
आपत्तिजनक हरकतों को अब और नहीं सहा जाएगा। बहुत सी औरतों के साथ बलात्कार, शोषण आदि होता आया है। उन आदमियों को जिन्होंने औरतों को परेशान करके रखा था अब अपने पित्रसत्तात्मक विचारों को दुबारा तौलना पड़ रहा है।
पहले उन्हें जो चीज़े साधारण लगती थी अब उनके लिए गंभीर समस्या बन सकती है और यह बात वे अच्छी तरह समझने लगे हैं।
आलोक नाथ के द्वारा इन आरोपों को खारिज कर दिए जाने की वजह से विंता को आश्चर्य हुआ है विंता को लगता है कि जहाँ आलोक नाथ को माफ़ी मांगनी चाहिए वहां वह भड़क रहे हैं। अपने स्थान पर अपनी पत्नी को बोलने के लिए खड़ा करने पर विंता ने अलोक पर निशाना साधते हुए कहा है कि
हमारे समाज में औरतें आज भी अपने पति के लिए बोलती हैं। चाहे उनके पति कितने भी गलत क्यों न हों। इस बेशर्त सहयोग का आदमी फायदा उठाते हैं।
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