बिग बैंग थ्योरी क्या है (What is Big Bang Theory in Hindi)
हमारे ब्रह्माण्ड के शुरुआती दिनों में क्या हुआ था, इसकी उत्पत्ति कैसे हुई -इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर बिग बैंग थ्योरी देता है। यह ब्रह्माण्ड के निर्माण का प्रारूप है, जिसकी कल्पना साल 1927 में जॉर्जेस लेमात्रे नामक वैज्ञानिक ने की थी। यह एक थ्योरी है जिसके आधार पर यह स्पष्टीकरण दिया गया कि ब्रह्माण्ड के निर्माण के समय किस प्रकार कि हलचल थी।
इस सिद्धांत के आधार पर ऐसा माना गया है कि हमारा ब्रह्माण्ड एक बिंदु के आकार से बनना चालू हुआ और अगले 14 बिलियन सालों तक फैलता गया जिसे हम आज इतने बड़े स्वरुप में समझने कि कोशिश कर रहे हैं।
आज के समय में हमारे पास ऐसे उपकरण नहीं हैं जिससे ब्रह्माण्ड के सही उम्र का पता चल सके, अतः बिग बैंग थ्योरी के बारे में जितने भी तथ्य हैं, वे गणित के गणित के सूत्र (formulas) व प्रारूप (model) के कारण सामने आए हैं।
ज्यादातर खगोल विज्ञानी इस सिद्धांत को मानने लगे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इसकी वैकल्पिक व्याख्या को भी मानते हैं जैसे कि eternal inflation, परिक्रमा करता हुआ ब्रह्माण्ड इत्यादि।
बिग बैंग थ्योरी की शुरुआत (starting of Big Bang Theory in Hindi)
नासा के अनुसार, जब ब्रह्माण्ड कि शुरुआत हुई तो उसके एक सेकंड बाद वहां का तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस था। जब यह फैलने लगा इसके अंदर इलेक्ट्रान, प्रोटोन, न्यूट्रॉन जैसे कण थे। इस प्रतिक्रिया के बाद जैसे जैसे ब्रह्माण्ड ठंडा होता गया, सारे कण एक साथ जुड़ गए।
नासा ऐसा मानती है कि आगे कि प्रतिक्रिया के दौरान इलेक्ट्रान के खुले हुए बहाव के कारण चारों ओर रौशनी फैलने लग गयी होगी। समय रहते हुए फिर सारे इलेक्ट्रान नुक्लाई के साथ मिलकर न्यूट्रल एटम बन गए।
इसके कारण बिग बैंग प्रतिक्रिया होने के 3,80,000 साल बाद प्रकाश का दुबारा चमक पाना संभव हो सका। प्रकाश से सम्बंधित इस प्रक्रिया को Cosmic Microwave Background नाम दिया गया। इसकी खोज साल 1948 में राल्फ अल्फर एवं अन्य खगोल वैज्ञानिकों ने किया था और इसे पूरी तरह सिद्ध होने में लगभग 20 साल लगे।
बिग बैंग थ्योरी के प्रमाण (Proof of Big Bang Theory in Hindi)
- ज्यादातर वैज्ञानिक इस बात पर मुहर लगते हैं कि हमारा ब्रहांड एक प्रतिक्रिया के कारण बनना चालू हुआ, जिसे बिग बैंग थ्योरी का नाम दिया गया।
- एक नियम है जो यह कहती है कि आकाशगंगाएं अपनी दूरी के अनुपात से हमारे ब्रह्माण्ड से दूर जाती हुई प्रतीत हो रही हैं, जिसे हब्बल का नियम कहा जाता है। इस नियम की खोज एडविन हब्बल नामक वैज्ञानिक ने साल 1929 में की थी। इस शोध से इस बात का साबुत मिलता है कि हमारा ब्रह्माण्ड कभी सघन या ठोस अवस्था में था और अब फैल रहा है।
- जैसा कि पहले कहा जा चुका है कि अपने उत्पत्ति के दिनों में ब्रह्माण्ड बहुत गर्म हुआ करता था, तो इस बात को सिद्ध भी किया गया है। साल 1965 में रेडिओ खगोल विज्ञानी अर्नो पेंजिअस और रोबर्ट विल्सन ने मिलकर -270.425 डिग्री सेल्सियस के Cosmic Microwave Background तरंगों को खोज की जो इस सिद्धांत के होने का पुख्ता सबूत देते हैं।
- जब हाइड्रोजन एवं हीलियम जैसे तत्वों की खोज हुई तो वे भी इस सिद्धांत के होने के गवाह बने ।
आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।
Kya universe ke felne se Naye planets bhi ban rahe h?
haan ye process hamesha chalu rehta hai
hamaara universe kis process yaa pratikriyaa ki vajah se banna shuru huaa thaa?
Jaisa ki siddhant me kaha Gaya hai ki universe ek point se banna start hua h or 14 billion years tk expand hota gya Kya ye ab bhi expand ho raha hai?
really it is a interesting artical.
Jisa ke siddhant me kha gaya he hamara bharmand ek point se bana he too ye point kha se aaya ?
aakhir ye big ban achank hua kaise
from which reason.