विषय-सूचि
डाटाग्राम पैकेट स्वीचिंग क्या है? (datagram packet switching in hindi)
डाटाग्राम पैकेट स्वीचिंग एक तरह की पैकेट स्वीचिंग तकनीकी है जिसमें हर एक पैकेट को हम डाटाग्राम बोलते हैं। हर पैकेट किसी नेटवर्क से अलग से राउटेड होता है।
पैकेट में एक हैडर होता है जिसमे गंतव्य के बारे में सारी की सारी जानकारी होती है।
इस सिस्टम में पैकेट कोई निश्चित रूट नहीं अपनाता और ना ही किसी नोड को काम करने के लिए किसी ज्ञान की जरूरत होती है।
सोर्स और गंतव्य के बीच कुछ पैकेट डाटा स्ट्रीम बनाने का काम करते हैं। हर पैकेट को अलग से इस्तेमाल किया जाता है और हर पैकेट का कनैक्शन सही से होता है इसलिए हमें सर्किट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
डाटाग्राम पैकेट स्विच के प्रकार (types of datagram packet switch in hindi)
तीन तरह के डाटाग्राम पैकेट स्विच होते हैं:
- स्टोर एंड फॉरवर्ड – जब तक की पूरा पैकेट मिल ना जाये और एरर चेक ना करे यह सारे डाटा को बफर करता रहता है। यह करप्ट पैकेट को नेटवर्क में जाने से रोकने का काम करता है।
- फ्रेगमेंट फ्री – यह ज़्यादातर एरर पैकेट को निकाल देता है और डाटा एरर को रोकने का काम करता है। इसकी स्वीचिंग गति काफी तेज़ होती है।
- कट थ्रू – यह एरर को फ़िल्टर नहीं करता यह पैकेट को ज्यादा थ्रुपूट पर स्विच करता है।
डाटाग्राम नेटवर्क को बहुत ही सक्षम नेटवर्क माना जाता है। सबसे सामान्य डाटाग्राम नेटवर्क इंटरनेट को माना जाता है जो की आईपी नेटवर्क प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है।
एप्स जिनमे कोई एफर्ट सर्विस नहीं चाहिए होती वह सीधा डाटाग्राम पैकेट के नेटवर्क में इस्तेमाल की जाती हैं, यूजर डाटाग्राम प्रोटोकॉल (यूडीपी) के माध्यम से ऐसा किया जाता है।
(सम्बंधित लेख – यूडीपी और टीसीपी प्रोटोकॉल में अंतर)
वॉइस और विडियो कमयूनिकेशन की मदद से इसमे संदेशों का पता चलता है की कब कौनसा संदेश किसके पास आया है।
ईमेल, फ़ाइल अपलोड, डाउनलोड और वेब ब्राउज़िंग के लिए हमें एक सही कनैक्शन और संचार के माध्यम की जरूरत होती है जैसे की एरर कंट्रोल और सीकुएंस कंट्रोल।
यह ट्रंजमिशन प्रोटोकॉल (टीसीपी) और फ़ाइल ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (एफ़टीपी) में भी काफ़ी उपयोगी होता है।
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