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    Paris Olympic 2024

    Paris Olympic 2024: पेरिस ओलिम्पिक खेल 2024 की शुरुआत हो चुकी है। हर ओलिंपिक के तरह इस बार भी हज़ारों की संख्या में विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में दुनिया भर के मुल्कों के खिलाड़ी अपना जलवा बिखेरने वाले हैं। मीडिया और अन्य लोगो के पहुंचने के कारण पेरिस शहर (Paris City) की सड़कें और होटल भी भर रहे हैं।

    परंतु इस बार का ओलिम्पिक (Paris Olympic 2024) हर बार के ओलिम्पिक की तुलना में थोड़ा अलग है। वह ऐसे कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और उस से उत्पन्न संकट को ध्यान में रखते हुए आयोजको ने इतिहास में हुए सभी ओलिम्पिक खेलों की तुलना में इस बार कार्बन उत्सर्जन की मात्रा को लगभग आधा करने की घोषणा की है।

    पेरिस ओलंपिक में कार्बन उत्सर्जन प्रति सजगता का एक उदहारण उस समय भी दिखा जब इसके शुरुआती समारोह को नदी में नावों पर आयोजित किया गया। ओलंपिक खेलों के इतिहास में ऐसा आयोजन पहली बार किया गया जो जलवायु चुनौतियों के खिलाफ एक सन्देश देने की कोशिश माना जा रहा है।

    पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympic 2024) में कुल लगभग 1.75 टन कार्बन का उत्सर्जन अनुमानित है; जबकि पिछले तीन ओलंपिक खेलों क्रमशः टोक्यो (2020), रियो डी जेनेरियो (2016) तथा लंदन (2012) में औसतन लगभग 3.5 टन कार्बन का उत्सर्जन हुआ था, जो पेरिस ओलंपिक के अनुमानित मात्रा की तुलना में लगभग दुगना था।

    ज्ञातव्य हो कि, पेरिस ही वह शहर है जहाँ साल 2015 में UNFCCC के 21वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (CoP 21, 2015) के दौरान दुनिया के 196 देशों के बीच जलवायु परिवर्तन से संबंधित सबसे चर्चित पर्यावरण-समझौता (Paris Conference 2015) किया गया था।

    आखिर कैसे कम किया जाएगा Paris Olympic 2024 में कार्बन उत्सर्जन?

    Paris Olympic Opening ceremony

    ऊर्जा: पेरिस 2024 ओलंपिक के दौरान ज्यादातर मौकों पर भू-तापीय ऊर्जा (Geo Thermal Energy) और सौर ऊर्जा (Solar Energy) जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का इस्तेमाल किया जाएगा। कई जलवायु-अनुकूल कदम लागू किए जा रहे हैं।

    खाने-पीने के मामले में भी शाकाहारी तथा स्थानीय और लंबे समय तक चलने वाले खाने का प्रबंध किया गया है। खाद्य तथा कृषि संगठन (FAO) के मुताबिक मांस तथा डेयरी प्रोडक्ट उद्योग दुनिया भर के 18% हरित गृह गैसों (Green House Gases) के लिए जिम्मेदार है।

    साथ ही, सभी खाद्य संबंधी बुनियादी ढाँचें जो ओलंपिक खेलों (Paris Olympic 2024) के आयोजन के मकसद से निर्माण किये गए हैं, उनका इन खेलों के बाद भी पुनर्प्रयोग किया जाए, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।

    परिवहन के लिए भी इन खेलों (Paris Olympic 2024) के दौरान ऐसी व्यवस्था की गई है कि सभी टूरिस्ट, चाहे मीडिया हो या अन्य दर्शक, सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करे। सभी खेल के आयोजन स्थल भी ऐसे बनाये गए हैं कि पर्यटकों को सार्वजनिक परिवहन से आने जाने में कोई कठिनाई न हो। इसके लिए 1000 किमी लंबा विशेष साईकल ट्रैक का निर्माण किया गया है।

    आयोजन हेतु निर्माण: ओलंपिक 2024 (Paris Olympic 2024) के आयोजन हेतु निर्माण के क्षेत्र में भी जलवायु संकट और संबद्ध चुनौतियों को ध्यान में रखा गया है। लंदन ओलंपिक 2012 के दौरान जहाँ 08 नए आयोजन स्थल का निर्माण किया गया था, टोक्यो (2020) में भी 11 नए आयोजन स्थल निर्मित किये गए थे, वहीं पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में यह कोशिश किया गया है कि 95% खेल या तो पहले से ही निर्मित आयोजन स्थलों में करवाया जाएगा या फिर कोई तात्कालिक व्यवस्था कर के इसे आयोजित किया जाए।

    पेरिस जिस प्रतियोगिता स्थल का निर्माण कर रहा है, सेंट-डेनिस में एक्वेटिक्स सेंटर, सौर ऊर्जा से संचालित है, और पुनर्नवीनीकरण, प्राकृतिक जैव-आधारित निर्माण सामग्री का उपयोग करना है।

    यहाँ स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि वैश्विक तौर पर ग्रीनहाउस गैस (GHGs) उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार उद्योगों में निर्माण क्षेत्र उद्योगों का योगदान सबसे ज्यादा (कुल उत्सर्जन का 37%) है।

    रहने की व्यवस्था: पेरिस में उच्च तापमान ने आयोजकों को एथलीटों के लिए 2,500 अस्थायी शीतलन इकाइयाँ स्थापित करने के लिए मजबूर किया है, मूल योजना के अनुसार एसी-मुक्त होने के बजाय, एथलीटों के रहने की व्यवस्था अभी भी काफी दुर्लभ है। उनके गद्दे पुनर्नवीनीकरण मछली पकड़ने के जाल से बने होते हैं, और बिस्तर प्रबलित कार्डबोर्ड से बने होते हैं।

    खेलों के दौरान उपयोग किए जाने वाले फर्नीचर की एक बड़ी मात्रा को खरीदने के बजाय किराए पर लिया जाता है, और ओलंपिक के बाद इसका पुन: उपयोग किया जाएगा। आयोजन के बाद ओलंपिक विलेज के 2,800 नए अपार्टमेंटों को घरों में बदल दिया जाएगा

    अनुमानित तौर पर इस बार लगभग 15000 खिलाड़ी, 45000 वालंटियर और 26000 मीडियाकर्मियों सहित कुल 1 करोड़ से ज्यादा पर्यटक पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में आने वाले हैं। जाहिर है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने-जाने, और ठहरने के कारण बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस (Green House Gases) का उत्सर्जन होगा।

    भारत भी 2036 के ओलंपिक खेलों को आयोजित करने की इच्छा जता चुका है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार, पहले ही दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 09 शहर शामिल है। अगर भारत को आयोजन करने का मौका मिलता है तो जलवायु परिवर्तन के संकट को ध्यान में रखते हुए इस आयोजन को सफल बनाना एक कठिन चुनौती होगी।

    यह सच है कि ओलंपिक खेलों को पूरी तरह से कार्बन जीरो मापदंडों पर आयोजित किया जाना मुश्किल है। लेकिन पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में आयोजकों का प्रयास एक बड़ा ऐतिहासिक कदम है जिसकी सराहना होनी ही चाहिए।

    ऐसे में आयोजकों (Paris Olympic 2024) ने इस पर नियंत्रण करने का प्रयास कर के निश्चित ही भविष्य में ऐसे खेलो के आयोजकों के लिए एक मापदंड सेट किया है। साईकल लेन और सार्वजनिक परिवहन का दुरुस्त किया जाना पेरिस-वासियों को इन खेलों के बाद भी फायदे पहुंचाते रहेंगे।

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

    3 thoughts on “Paris Olympic 2024: “जलवायु आपातकाल” के बीच ऐतिहासिक आयोजन”

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