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    NDTV TAKEOVER BY GAUTAM ADANI LED ADANI GROUP

    NDTV Takeover by Adani Group की खबर पिछले कुछ महीनों में इस तरह से आई है मानो किसी बॉलीवुड फिल्म की दास्तां हो। 23 अगस्त को भारत के कुछ मीडिया संस्थानों में ख़बर छपती है कि भारत के सबसे धनाढ्य उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाली AMG मीडिया नेटवर्क ने NDTV Ltd (New Delhi Television Limited) में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18% शेयर खरीद लिया है।

    साथ ही यह भी बताया गया कि अडानी समूह इस कंपनी में और 26% हिस्सेदारी खरीदना चाहती है जिससे इस टेलीविजन चैनल के प्रबंधन (Management) पर पूर्णतया अधिकार हो सके। इसके लिए अडानी समूह ने SEBI के नियमों के अनुसार खुली पेशकश (Open Offer) लॉन्च किया जो 05 दिसंबर 2022 तक खुला रहेगा।

    इस ख़बर के बाद NDTV Ltd के तरफ से एक बयान जारी कर बताया गया कि अडानी ग्रुप द्वारा किया गया यह सौदा उनकी अनुमति या सहमति के बगैर हो गया।

    यह बिल्कुल वैसा ही था कि आपका घर बिक जाए और आप कहें कि आपको पता ही नहीं है मानो जैसे पुराने बॉलीवुड फिल्मों में जमींदार ने सादे कागज़ पर अंगूठा लगवाकर गांववालों की जमीनें कब्जा लेते थे।

    लेकिन मूल सवाल यही है कि क्या सच मे प्रणय रॉय और राधिका रॉय को इसकी भनक नहीं थी? और अगर मान भी लें कि उन्हें इसकी ख़बर नहीं थी तो ऐसा कैसे हुआ? क्या अडानी समूह ने NDTV को गैरकानूनी रूप से खरीद लिया है?

    पुराने कर्ज ले डूबा NDTV Ltd को

    उपरोक्त सवाल, कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके तह तक जाने की जरूरत है। असल मे इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी आज से 10-15 साल पहले ही; बस हुआ यह कि इस पूरी स्क्रिप्ट में अडानी समूह ने जबरदस्त एंट्री मारी है जो दूर दूर तक पटकथा लिखे जाने वक़्त तस्वीर में नहीं था।

    NDTV Ltd के प्रमोटर कंपनी RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPRH Pvt Ltd) के मालिक प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने 2009-10 में विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) से 403.85 करोड़ का ब्याजमुक्त लोन (Interest Free Loan) लिया था।

    इस लोन के शर्तों (T&C) के मुताबिक इस कर्ज के बदले VCPL को RRPRH Pvt Ltd के 99.9% हिस्सेदारी में बदल देने का अधिकार दिया था और इस हिस्सेदारी को बेचने के लिए VCPL स्वतंत्र था अर्थात उसे RRPRH Pvt Ltd से सहमति या अनुमति की आवश्यकता नहीं थी।

    अब यह लोन लेने देने की कहानी भी बड़ी फिल्मी है। VCPL जिसने NDTV Ltd के मालिक प्रणय रॉय को लोन दिया था, उसने यह पैसा एक अन्य कम्पनी श्री-नैनो रिटेल प्राइवेट लिमिटेड (SRPL) से लिया था।

    लेकिन कर्ज लेने देने की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई है। SRPL, जिसने VCPL को पैसा दिया था प्रणय रॉय को देने के लिए, उसने वह पैसा मुकेश अम्बानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग लिमिटेड (RIIHL) से लिया।

    इस चकरघिन्नी वाले कर्ज लेन-देन ने, जो आज से 15 साल पहले हुआ था, आज NDTV Ltd का अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण की पटकथा लिख दी थी। अव्वल तो यह कि तब गौतम अडानी का नाम देश के उद्योग-जगत ने इतना बड़ा नहीं हुआ करता था।

    इस साल अगस्त में अडानी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMG Network Ltd) ने विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) को 113.74 करोड़ में खरीद लिया। साथ ही VPCL के हिस्से की सभी इक्विटी शेयर का मालिकाना हक़ भी अडानी समूह के पास आ गया। इन्हीं में NDTV Ltd के भी 29.18% हिस्सेदारी वाले शेयर शामिल थे।

    इसलिए स्पष्ट है कि प्रणय रॉय या राधिका रॉय का यह कहना कि उन्हें भनक तक नहीं लगी और उनके स्वामित्व वाली कंपनी  अडानी समूह के हाँथ चली गयी; यह दो ही स्थिति में संभव है।

    एक तो यह कि प्रणय राय को सब मालूम था लेकिन वह जानबूझकर अनजान बनने का नाटक कर के एक सहानुभूति तलाश रहे हैं। दूसरा कि उन्हें अगर सच मे नहीं मालूम था तो उनके बिज़नेस एडवाइजर और कानूनी सलाहकार सही सलाह नहीं देते हैं।

    मेरी नज़र में दूसरी स्थिति का होना थोड़ा मुश्किल लगता है। हां, यह अलहदा बात है कि अडानी समूह द्वारा NDTV का अधिग्रहण (NDTV Take Over) नैतिक तौर पर सही है या नहीं, इस पर बहस हो सकती है; लेकिन यह सौदा कानूनी तौर पर एकदम सही है, इसमें कोई दो राय नहीं है।

    अधिग्रहण को रोकने का आखिरी मौका था “Open Offer”

    इसके बाद गौतम अडानी ने SEBI के नियमों के तहत NDTV Ltd में और 26% हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुला पेशकश (Open Offer) दिया जो 05 दिसंबर 2022 तक खुला है।

    इस खुले पेशकश (Open Offer) के दौरान NDTV Ltd के पास यह मौका जरूर था कि वह अडानी समूह के प्रबंधन अधिकार को रोक सकती थी। इसके लिए प्रणय रॉय एक काउंटर ऑफर (Counter Offer) शुरू कर सकते थे परंतु इसके लिए NDTV Ltd को बहुत ही बड़ी रकम की जरूरत पड़ती। इतना पैसा इकट्ठा कर पाना RRPRH Pvt Ltd के प्रणय रॉय के लिए बहुत मुश्किल काम होता।

    इसी क्रम के कल यानि 29 नवंबर को प्रणव रॉय और राधिका रॉय ने RRPRH Pvt Ltdमें प्रबंधन बोर्ड से  इस्तीफ़ा दे दिया है। इसी के साथ यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि NDTV Ltd का प्रबंधन अब अडानी समूह (AMG Network Ltd) के हाँथो में जाना तय है।

    क्या NDTV Ltd के पत्रकारिता का वही स्तर बना रहेगा?

    ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह रहेगा कि क्या NDTV के पत्रकारिता का वही स्तर बरकरार रहेगा जिस निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए यह जाना जाता रहा है?

    इस सवाल का जवाब तो आने वाले वक़्त के गर्भ में ही है। लेकिन इतना तय है कि मूलतः पत्रकारों द्वारा संचालित विरले मीडिया संस्थानों में से एक NDTV Ltd भी अब उद्योगपतियों के हाँथ में चला गया है और भारत मे यह किसी से छुपा नहीं है कि कॉरपोरेट घरानों द्वारा संचालित पत्रकारिता कैसे काम करती है।

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

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