पियूष गोयल द्वारा पेश किये गए 2019 बजट में प्रधानमंत्री पेंशन योजना की घोषणा की गयी थी। ऐसा होने के बाद लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं की इससे अटल पेंशन योजना पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जोकि 2015 में लांच की गयी थी और जनधन खातों से जुडी थी।
प्रधानमंत्री पेंशन योजना के बारे में पूरी जानकारी :
यह योजना वर्तमान में चल रही अटल पेंशन योजना के सामान है। यह उन मजदूरों के लिए है जिनकी मासिक आय 15000 रुपयों से कम है। अबसे इन मजदूरों को प्रति महीने केवल 55 रुपयों का योगदान करना पड़ेगा और ऐसा करने पर उन्हें 60 साल की उम्र के बाद 3000 रूपए प्रति महिना सरकार द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
इसके अतिरिक्त जो लोग 29 साल की उम्र से इस योजना के लिए योगदान देना शुरू करते हैं तो उनकी 60 साल की उम्र होने के बाद उन्हें हर महीने 3000 रूपए की पेंशन हर महीने दी जायेगी।
इसमें सरकार ने यह नियम रखें हैं की यदि कोई मजदूर 40 वर्ष से अधिक उम्र का है तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा पायेगा। इसके अतिरिक्त सरकार ने यह नियम भी रखा है की यदि कोई मजदूर 40 साल या उससे कम है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपयों से कम है, तो उसे हर महीने कुल 200 रूपए का योगदान देना होगा जिससे उन्हें 60 वर्ष की उम्र के बाद हर महीने कुल 3000 रूपए की पेंशन दी जायेगी।
इसके साथ यदि मजदूर की उम्र 20 साल तक है तो उसे केवल 55 रूपए प्रति महीने योगदान करने पड़ेंगे। तभी 60 साल के बाद उन्हें इस पेंशन योजना का लाभ मिल पायेगा।
विशेषज्ञों का मत :
इन्सुरांस सेक्टर के कुछ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की इस स्कीम को लेकर असंतोष जताया है। उनके अनुसार एक नयी स्कीम लांच करने की बजाय यदि अटल पेंशन योजना को ही बेहतर बना दिया जाता तो इससे आम आदमी ज्यादा लाभान्वित होता।
इसके अलावा कुछ अधिकारियों ने बताया क नयी स्कीम फायदेमंद है क्यों की इसमें सारा योगदान आम आदमी को नहीं देने पड़ता है, सरकार भी इसमें योगदान देती है। अतः अटल पेंशन योजना इससे बिलकुल अलग है क्योंकी वह प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत चलती है और उसके लिए अपने आप लिंक बैंक खातों से कटौती की जाती है।