पाकिस्तान के एक टीवी पत्रकार को सरकार, न्यायलय और ख़ुफ़िया विभाग के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द कहने पर हिरासत में लिया गया था। शनिवार को फेडरल इन्वेशटिगेशन एजेंसी की साइबर टीम ने पत्रकार को उनके निवास से गिरफ्तार कर लिया था।
डॉन के मुताबिक एफआईए ने पत्रकार की रविवार तक हिरासत की मांग की था, लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया और रिजवान रजी को एक लाख मुचलके पर जमानत दे दी थी। पत्रकार के वकील ने कहा कि जज ने आदेश में कहा कि संदिग्ध को अपने कार्यक्रम में सेना और न्याय प्रणाली के बाबत चर्चा करने से बचना चाहिए।
पत्रकार के वकील ने अदालत में कहा कि “मेरे मुव्वकिल की गिरफ्तारी सरासर अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन है, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और उन्हें बिना शिकायत के गिरफ्तार किया गया है। पत्रकार को सेक्शन 11 और 20 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस साइबर कानून को नवाज़ शरीफ की सरकार ने लागू किया था और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इसे “डरावना” कानून कहते हैं।
सेक्शन 11 घृणित भाषण देने वाले पर लागू होता है और इससे आरोपी को सात सज़ा और जुर्माना भरना पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान विरोधी पोस्ट करने पर एक पत्रकार को पीटा गया और शनिवार को उसके घर के बाहर से हिरासत में ले लिया गया था।
पाकिस्तानी पत्रकारों के मुताबिक पीएम इमरान खान के सत्ता में आने के बाद उनके लिए खतरनाक माहौल हो गया है। फ़ेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के मुताबिक पत्रकार से उसके ट्वीटर को लेकर सवाल पूछे गए थे। उन्होंने कहा कि विभाग ने उन्हें पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया था। शनिवार को पत्रकार का ट्वीटर अकाउंट ऑफलाइन था।
पाकिस्तान के विपक्षी दलों और और पत्रकारों के समूह ने रिज़वान रज़ी की गिरफ्तारी की आलोचना की और उसे तत्काल रिहा करने की मांग की थी।