भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में आरोपी आनंद तेलतुंबड़े की गिरफ्तारी के कुछ घंटों के बाद उन्हे पुणे सेशन कोर्ट से जमानत मिल गयी है।
आनंद के वकील रोहन नाहर ने एएनआई से बात करते हुए बतया है कि उन्होने अदालत में यह साबित किया है कि आनंद की गिरफ्तारी गैर कानूनी थी। अदालत में जिरह होने व सभी कागजों की जाँच के बाद यह फरमान सुनाया गया है कि आनंद को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाये।
इसी के साथ ही नाहर ने बताया है कि आनंद को अब सुप्रीम कोर्ट से 11 फरवरी तक किसी भी तरह की गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है।
अपनी रिहाई के बाद आनंद ने मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए कहा है कि वे अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की सहभागिता पर भी सवाल उठने चाहिए।
Anand Teltumbde, an accused in Bhima Koregaon case, after Pune Sessions Court ordered his release: I welcome the decision. But what police has done, the arrest and all the drama, is objectionable. pic.twitter.com/uT0Su4WUe9
— ANI (@ANI) February 2, 2019
मालूम हो कि आनंद तेलतुंबड़े को शनिवार सुबह 4 बजे मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को विशेष जज केडी वड़ाने ने आनंद की जमानत याचिका यह कह कर ठुकरा दी थी कि जांचकर्ता पुलिस अधिकारियों ने आनंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत जूता लिए हैं, जो यह साबित करने के लिए काफी हैं कि आनंद तेलतुंबड़े भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल थे।
पुलिस ने भी आनंद पर यह आरोप लगाए हैं कि वो प्रतिबंधित माओवादी संगठन से सीधे तौर पर जुड़े हैं। पुलिस ने कोर्ट में भी कई साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, जिनके आधार पर पुलिस ने आनंद के माओवादी संगठन से जुड़े होने दावा किया है।
पुलिस इस समय एलगार परिषद आयोजन की जाँच कर रही है। पुलिस के अनुसार पुणे में 31 दिसंबर 2017 को हुए कार्यक्रम के दौरान ही इन नेताओं द्वारा भड़काऊ भाषण दिये गए थे। इसी आयोजन के बाद 1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगाँव में हिंसक घटनाएँ हुईं थी।