ईरान ने इस्लामिक क्रांति की वर्षगांठ पर एक 13000 किलोमीटर की नई क्रूज मिसाइल का खुलासा किया है। इस वक्त तेहरान साल 1979 की इस्लामिक क्रांति का जश्न मना रहा था। ख़बरों के मुताबिक “इस मिसाइल को तैयार होने के लिए बहुत कम समय लगता है और बहुत कम उंचाई पर उड़ान भर सकता है।
ईरान के रक्षा मंत्री आमिर हातमी के मुताबिक इस सरफेस टू सरफेस मिसाइल का नाम होर्विज़ है और यह सौमर परिवार से है जिसका खुलासा साल 2015 में किया गया था। होर्विज़ क्रूज मिसाइल का 1200 किलोमीटर तक परिक्षण सफल रहा। इसने सटीक निशाना लगाया था।
रक्षा मंत्री ने होर्विज़ मिसाइल को ईरान के बढती पहुंच को बताया है। यस मिसाइल साल 2015 में 700 किलोमीटर दूरी की मारक क्षमता के साथ सुमार श्रेणी के क्रूज मिसाइलों का भाग है। तेहरान में ‘रक्षा उपलब्धियों के 40 साल’ के तहत आयोजित रक्षा प्रदर्शनी में होर्विज़ मिसाइल का प्रदर्शन किया गया था।
ईरान ने अपनी मर्जी के अनुसार मिसाइल की मारक क्षमता को 2000 किलोमीटर तक नियंत्रित कर रखा है। इस बावजूद उसकी मिसाइले इजराइल और मध्य एशिया में बने पश्चिमी देशों के सैन्य अड्डों तक पंहुच सकती है। अमेरिका का आरोप है कि ईरान अपनी मिसाइल क्षमता में निरंतर वृद्धि कर रहा है जो यूरोप के लिए खतरा बन सकती है।
ईरान में शुक्रवार को इस्लामिक क्रांति की 40 वीं वर्षगाठ का जश्न मन गया था। इस इस्लामिक क्रांति में अमेरिकी समर्थित शाह को शिकस्त दी थी और 2500 सालों के राजशाही शासन का अंत कर, शिया मुस्लिमों को सत्ता की कमान सौंपी गयी थी।
हर वर्षगाँठ के का जश्न 1 फ़रवरी से शुरू होता है। इसी दिन इस्लामिक क्रांति के चेहरे अयातुल्ला खान 14 वर्ष के निर्वासन के बाद मुल्क वापस लौटे थे। वह इसके बाद इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के प्रमुख नेता बने। ईरान में शुक्रवार को सुबह 9:30 बजे साईरन, चर्च और बोट की आवाज़ बजना शुरू हो जाती है। क्योंकि इसी वक्त अयातुल्ला खोमीनी का एयर फाॅर्स बोइंग 747 तेहरान के मेहराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 40 साल पहले उतरा था।10 दिवसीय इस जश्न को ’10 डेज ऑफ़ डौन”, कहता है जो 11 फ़रवरी तक समाप्त हो जाता है। इसी तारीख को अमेरिकी समर्थित शाह मोहम्मद रेज़ा पहलवी की सरकार गिरी थी।