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    रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

    अमेरिका और रूस के मध्य मिसाइल संधि को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका के बाद रूस ने भी शीत युद्ध के दौरान इस संधि को खारिज करने का ऐलान कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मास्को अब इस संधि से नाता तोड़ रहा है। साल 1987 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति और सोवियत संघ के राष्ट्रपति ने इस संधि पर हस्ताक्षर किये थे।

    रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि “हमारे अमेरिकी सहयोगियों ने इस संध को अब खत्म करने का ऐलान किया था और अब हम भी इससे बाहर निकल रहे हैं।” बैठक में व्लादिमीर पुतिन के साथ विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सेर्गेई शोइगू भी शामिल थे।

    उन्होंने कहा कि हम अब इस मसले पर अमेरिका के साथ बातचीत की पहल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक अमेरिका अर्थपूर्ण वार्ता के लिए परिपक्व नहीं होता, हम तब तक बातचीत के लिए इंतज़ार करेंगे।

    अमेरिका ने शुक्रवार को शीत युद्ध के दौरान हुई ऐतिहासिक संधि आईएनएफ मिसाइल ट्रीटी को तोड़ दिया है। अमेरिका ने कहा कि रूस इस संधि का उल्लंघन करता है। वांशिगटन ने मास्को की नई मीडियम रेंज मिसाइल प्रणाली के बाबत हीनता जाहिर की थी। पश्चिमी देशों के मुताबिक इस मिसाइल प्रणाली ने साल 1987 में हुई संधि का उल्लंघन किया है।

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान में कहा कि “अमेरिका आईएनएफ ट्रीटी के तहत सभी उत्तर दायित्वों को रद्द कर देगा और इस संधि से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। इसकी प्रक्रिया छह माह में पूरी होगी, जब तक रूस अपनी सभी विनाशक मिसाइलों, लांचर व अन्य उपकरणों को ध्वस्त नहीं कर देता है।”

    हाल ही में अमेरिका ने कहा कि रूस निरंतर और सीधे तौर पर इंटरमिडीएट रेंज न्यूक्लियर संधि का उल्लंघन कर रहा है और मास्को पर वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। यह मिसाइल प्रणाली पारंपरिक और परमाणु जंग के लिए सक्षम है और यूरोप व एशिया के लिए सीधे तौर पर एक खतरे का प्रतिनिधित्व करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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