गृह मंत्रालय के सूत्रों ने गुरुवार को बताया है कि अपदस्थ सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के महानिदेशक, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड के पद से ना जुड़ने के लिए उन्हें विभागी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने बुधवार को वर्मा को एक पत्र भेज कर लिखा-“आपको तुरंत महानिदेशक, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड के पद से जुड़ने के लिए निर्देशित किया जाता है।” इसका मतलब ये है कि वर्मा को एक दिन के लिए अपने पद से जुड़ना होगा।
अधिकारियों का कहना है कि वर्मा ने मंत्रालय के निर्देश का अनुपालन ना करके सेवा नियमों का उल्लंघन किया है। वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का मतलब पेंशनभोगी लाभों का निलंबन हो सकता है।
और दिलचस्प बात ये है कि इसके दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त करेगी।
वर्मा ने अपने जवाब में, यही दोहराया कि वे 10 जनवरी से ही सीबीआई निदेशक के पद से सेवानिवृत हो गए थे, जब उन्हें पीएम मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति ने पद से हटा दिया था।
उन्होंने ये भी कहा कि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, उनका जन्म 14 जुलाई, 1957 को हुआ जिसका मतलब ये है कि उनके सेवानिवृत होने की तारीख 31 जुलाई, 2017 थी। उन्होंने कहा-“अधोहस्ताक्षरी पहले ही 61 वर्ष की आयु पार कर चुके है और सीबीआई के निदेशक के रूप में अपनी सेवानिवृत्ति की तारीख के बाद भी सेवा करना जारी रखा है, जो दो वर्षों की अवधि के लिए एक कार्यकाल पद है।”