दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा गणतंत्र दिवस के समारोह में शरीक होने के लिए भारत की यात्रा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा की यह चौथी मुलाकात है और इसमे रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, विज्ञान और बहुस्तरीय मंचो पर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए बातचीत हुई है। दोनो देशों ने तीन वर्षीय सामरिक समारोह के आयोजन पर भी रज़ामंदी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सायरिल रामफोसा से मुलाकात के बाद कहा कि “हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की, हम दोनो अपने संबंधों को एक ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इस वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने तीन वर्षीय सामरिक कार्यक्रम पर रज़ामंदी दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि दोनो नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, विज्ञान और बहुस्तरीय मंचो पर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि “हमारे लिए बेहद खुशी की बात है कि आज भारत के करीबी मित्र दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति आज हमारे बीच मौजूद है। उनके लिए भारत कोई नया नही है लेकिन राष्ट्रपति के तौर पर उनकी यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। उनकी यह भारत यात्रा हरे संबंधों को एक नए मुकाम पर ले जाएगी।”
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा ने कहा कि इस तीन वर्ष के सामरिक कार्यक्रम से भारत के साथ हमारे रिश्ते मज़बूत हो जाएंगे, इसके तहत रक्षा, कृषि जैसे कई विविध कार्यक्रमों से हम जुड़ेंगे।”
नरेंद्र मोदी ने कहा कि “इस वर्ष देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं पुण्यतिथि हैं और बीते वर्ष नेल्सन मंडेला की जन्म शताब्दी थी। साथ ही हमारे राजनयिक संबंधों की रजत जयंती भी थी। मुझे बेहद खुशी है को इस शुभ अवसर पर सायरिल रामफोसा भारत की यात्रा पर आए हैं। वह कल गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अथिति के तौर पर शामिल होंगे,इस लिहाज से इस यात्रा की महत्वता अधिक बढ़ जाती है।”
नरेंद्र मोदी ने कहा कि “राष्ट्रपति रामफोसा के साथ वार्ता में अपने संबंधों के सभी आयामो की समीक्षा की थी। दोनो देशो के मध्य निवेश और व्यापार में संबंध अधिक मज़बूत हो रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर का है। वाइब्रेंट गुजरात मे भी दक्षिण अफ्रीका शामिल हुए था। दक्षिण अफ्रीका के कौशल विकास कार्यक्रमो में हम भी साझेदार हैं। प्रिटोरिया में जल्द ही गांधी-मंडेला कौशल संस्थान की स्थापना होगी। दोनो देश कारोबारी नेताओं से मुलाकात भी करेंगे। भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनो ही महासागर में महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा सभा के साथ हम मिलकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को मुख्य अथिति के तौर पर रामफोसा की उपस्थिति दोनों देशों के रिश्तों को प्रगाढ़ करेगी। इससे पहले राष्ट्रपति रामफोसा का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया था।