हाल ही में सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकोन के एमडी वीएन धूत के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई ने इसका कारण मुख्य रूप से 3250 करोड़ का ऋण मामला बताया है।
क्या था मामला :
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि ऐसा आरोप है कि 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपए का ऋण मिलने के कुछ महीनों बाद वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर में करोड़ों रुपए निवेश किए। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने धूत, दीपक कोचर और अज्ञात अन्य के खिलाफ पिछले साल मार्च में एक प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी।
आईसीआईसीआई के अनुसार ये व्यक्ति उस मंजूरी समिति का हिस्सा थे जिसने 1,575 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी। ऍफ़आईआर के अनुसार, जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंकद्वारा छह “उच्च मूल्य वाले ऋण” का वितरण किया गया था।
सीबीआई ने विभिन्न जगहों पर मारे छापे :
सीबीआई ने गुरुवार को 3,250 करोड़ रुपए के आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ऋण मामले में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक एफ़ाइआर दर्ज की तथा मुंबई में समूह के मुख्यालय और औरंगाबाद में कार्यालयों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे।
अधिकारियों ने बताया कि छापे मारने का काम बृहस्पतिवार सुबह शुरू किया गया। इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर द्वारा संचालित कंपनी न्यूपावर और सुप्रीम एनर्जी पर भी छापे मारे गए।
कई मुख्य दस्तावेज़ किये जब्त :
सीबीआई द्वारा की गयी छापेमारी ने उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त कर लिया है, जिनके आधार पर सीबीआई ने चंदा और दीपक कोचर के साथ-साथ धुत को भी जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि धूत अपने मुंबई कार्यालय में थे जब तलाशी ली गई थी। “यह सिर्फ प्रारंभिक कार्य था। उसे जब्त की गई वस्तुओं के साथ सामना करने के लिए बाद की तारीख पर बुलाया जाएगा” सीबीआई ने बताया।