दुनिया की सबसे विशाल सेना पीपल लिब्रेशन आर्मी ने बीते दिसंबर के आखिरी में भूटानी सीमा पर बसे चरिथांग घाटी पर अतिक्रमण कर लिया है और सेना के लिए बंकर बनाये हैं। भारतीय अधिकारियों ने इस हालत पर बातचीत के लिए वक बैठक का आयोजन भी किया था। डोकलाम विवाद के बाद अब चीनी सेना की निगाहें भूटान के साथ विवाद में हैं। चीनी सेना ने भूटान के नजदीक कुछ जमीन पर कब्जा कर बंकर बना दिये थे।
चीन के इस रवैये से भारत की परेशानियों में इजाफा हुआ है। भारत को भय है कि डोकलाम को तरह दोबारा चीन के साथ सैन्य विवाद न हो जाये। भारत और चीन की सेना के मध्य 73 दिनों तक डोकलाम मे संघर्ष जारी था। यह विवाद तब शुरू हुआ था जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को इस इलाके में सड़क निर्माण से रोका था। इस इलाके का भारत मे नाम डोका ला है जबकि भूटान इसे डोकलाम कहता है। चीन के दावे के मुताबिक यह उसका क्षेत्र का हिस्सा है।
भारत एयर चीन 3448 किलोमीटर का बॉर्डर साझा करते हैं। इनका 220 किलोमीटर भाग सिक्किम में आता है। जियोग्राफी के हिसाब से डोकलाम भारत, भूटान और चीन के तिराहे पर स्थित है। डोकलाम का इलाका भारत और चीन के लिए सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। हाल ही में सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि हम भी सड़क निर्माण कर रहे हैं और हम इसे कुछ साल पहले नही कर सकते थे।लेकिन अब हमें इसे प्राथमिकता देनी होगी। हमें चीनी सेना के साथ अपनी बातचीत को बढ़ाना चाहिए। डोकलाम पर सकारात्मक रुख के बाद कई चीजों में परिवर्तन आया है।”
सूत्रों के मुताबिक 4.9 किलोमीटर सड़क का निर्माण सींचेल ला में हो चुका है, जो असम के टोसला नाला से होकर गुजरेगा। साल 1988 और 1998 में भारत और भूटान के मध्य एक समझौते हुआ था। इसके तहत दोनो देश डोकलाम मे शांति बनाये रखने का प्रयास करेंगे।