पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को विसनगर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है, विसनगर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है जमानत के लिए हार्दिक को 5000 रूपये का बांड भरना पड़ा है। इस मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ था जिसमें उनके कोर्ट में पेशी पर नहीं आने के कारण यह वारंट जारी हुआ था।
हार्दिक पटेल वर्ष 2015 में पुरे देश के सामने आये जब उन्होंने पाटीदार समाज के आरक्षण को लेकर गुजरात में आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद वे एक समाज के चेहरे के रूप में सामने आये जहां उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार को सकते में दाल दिया। इस आंदोलन के दौरान उन पर कई केस हुए जिनमे से एक मुकदमे में उन्हें कोर्ट ने हाल ही में सामान किया था और उनके खिलाफ वारंट निकला था। उस मामले में उन्होंने गुरुवार को कोर्ट में पेश होकर 5000 रूपये का बांड भरा है, जिससे उन्हें जमानत दे दी गई है।
क्या था मामला
वर्ष 2015 में जब पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल एक रैली कर रहे थे तब उन पर एक बीजेपी विधायक ने भाजपा कार्यालय पर हमला करने में शामिल होने का आरोप लगाया था। यह आरोप हार्दिक के अलावा सरदार पटेल ग्रुप के संयोजक लालजी पटेल और अन्य पांच लोगो के खिलाफ लगा था। इस मामले में कोर्ट की पेशी में लगातार दूसरी बार नहीं पहुँचने पर कोर्ट ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी किया था
हार्दिक का आगे का प्लान
पाटीदार नेता हार्दिक ने को फिलहाल कोर्ट से राहत मिल गयी है, अब हार्दिक की नज़र अपने आने वाले चुनाव से पहले होने वाली तैयारियों पर रहेगी। इस चुनाव में गुजरात के लिए तीन चेहरों को मुख्यता से देखा जा रहा है उनमे से एक हार्दिक पटेल है, दूसरे अल्पेश ठाकोर है तीसरे जिग्नेश मेव्नानी है।
अल्पेश ठाकोर जो की ओबीसी नेता है उन्होंने कुछ वक़्त पहले कांग्रेस को समर्थन दे दिया है, वही जिग्नेश ने पहले ही कांग्रेस को सपोर्ट करने की बात कह दी है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अपने कांग्रेस के साथ शामिल होने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। फिलहाल हार्दिक अपनी जनसभाओं को सम्बोधित करने में व्यस्त है, जिनमे हार्दिक मोदी सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाज़ी कर रहे है।