चीन के प्रभुत्व को वैश्विक स्तर पर काम करने के लिए भारत कई तरकीबों पर कार्य कर रहा है। हिन्द महासागर पर चीन अपना आधिपत्य जमाना चाहता है और चीन को जवाब देने के लिए भारत गुरुवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर अपना तीसरा नौसैन्य बेस खोलेगा। सामरिक दृष्टिकोण से यह बेस काफी अहम किरदार निभाएगा।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट बलायेर से यह बेस तकरीबन 300 किलोमीटर दूर खोल जाएगा जो रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होगा।सैन्य जानकारों के अनुसार इस द्वीप के माध्यम से भारत हिन्द महासागर में पंहुचने वाली चीनी पनडुब्बियों और जहाजो पर अपनी निगाहे बनाये रख सकता है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कप्तान डीके शर्मा ने कहा कि नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा इस नए और तीसरे नेवी बेस का उद्धघाटन करेंगे। हाल ही में चीन ने भारत के पड़ोसी देशों श्रीलंका और पाकिस्तान में व्यावसायिक बंदरगाह का निर्माण किया था, जिसे लेकर भारत काफी चिंतित है। इन बंदरगाहों पर चीन अपनी सेना की तैनाती की योजना बना रहा है जो भारत के लिये खतरा साबित हो सकता है। चीन का मकसद भारत को चारों तरफ से घेरना है। साल 2014 में ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी जब चीन का जहाज श्रीलंका के कोलोंबो बंदरगाह पर तैनात था।
भारत सरकार ने उस मसले को श्रीलंका के समक्ष उठाया था और अपनी चिंता के बाबत बताया था। इसके बाद से ही भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर अपना बेस स्थापित करने पर अपनी नजरे बनाये हुए था।