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    सुनील मित्तल

    हाल ही में आयोजित हुए दावोस 2019 में संबोधन के दौरान सुनील मित्तल ने बताया की हालांकि 2019 में टेलिकॉम इंडस्ट्री और प्रदाताओं की हालत में सुधार देखने को नहीं मिलेगा लेकिन इनके हालत और खराब नहीं होगी। बता दे की सुनील मित्तल भारतीय अरबपति और भारती एयरटेल के चेयरमैन हैं।

    सुनील मित्तल का पूरा बयान :

    स्विट्ज़रलैंड में आयोजित वर्ल्ड इकनोमिक फोरम में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने बताया की जैसा की पिछली दो सालों में देखा गया की कैसे जिओ के अलावा दुसरे सभी प्रदाता भुगत रहे हैं इस साल ऐसा नहीं होगा लेकिन ऐसा भी नहीं कहा जा सकता की इस साल एयरटेल, वोडाफोन जैसे प्रदाताओं की हालत में सुधार देखने को मिलेगा।

    इस साल इन प्रदाताओं को बाज़ार में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने की ज़रुरत है। निवेश के साथ साथ इन कंपनियों को 4G नेटवर्क के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा के वातावरण में लड़ने की ज़रुरत है एवं अपने महत्वपूर्ण ग्राहकों पर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रुरत है।

    सुनील मित्तल ने यह भी बताया की उन्हें ऐसा क्यों लग रहा है की हालत में कोई सुधार नहीं आएगा। उन्होंने बताया की ऐसा इसलिए है क्योंकि मुकेश अम्बानी इस वक़्त कम मूल्य पर सेवाएं दे रहा है एवं बाज़ार में ग्राहकों के लिए जिओ द्वारा बड़ा निवेश किया गया है अतः अभी जिओ का समय है।

    ARPU पर करना होगा ध्यान केन्द्रित :

    सुनील मित्तल ने आगे बताया की जिओ के आने के बाद से अब टेलिकॉम इंडस्ट्री में केवल तीन बड़े प्रदाता बच गए हैं एवं अब यदि उन्हें इस जंग को जीतना है तो इसका सबसे बड़ा औजार ARPU है। ARPU का मतलब औसत आय प्रति ग्राहक होता है।

    2019 में प्रदाताओं का सबसे बड़ा मुद्दा ARPU ही रहने वाला है। जैसा की एयरटेल ने न्यूनतम रिचार्ज की स्कीम निकाली है वैसा ही सभी प्रदाताओं को करने की ज़रुरत है जिससे हर एक ग्राहक कुछ ना कुछ योगदान दे। अब टैरिफ पर लड़ने से कोई फायदा होने वाला नहीं है।

    इस उपाय से बढ़ सकता है ARPU :

    उन्होंने बताया की ज्यादा डाटा कम दाम पर देने की बजाय ग्राहकों को नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसी सेवाएं देनी चाहिए। यदि ऐसा किया गया तो 2019 में ARPU ज़रूर बढेगा एवं प्रदाता की हालत और ज्यादा खराब होने से बचेगी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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