Fri. Mar 29th, 2024
    वोडाफोन प्लान

    भारत के शीर्ष टेलिकॉम प्रदाताओं में से एक वोडाफोन आईडिया ने मुकेश अंबानी की जिओ को एकाधिकार पाने से रोकने के लिए अपनी कंपनी के राइट्स बेच कर 25,000 करोड़ रूपए जुटा रहा है। यह जिओ के खिलाफ लड़ने के लिए ऐसा कर रहा है क्योंकि जिओ लगातार ग्राहको को बहुत कम दामों पर 4G सेवाएं प्रदान करा रहा है जिसमे दुसरे प्रदाता अक्षम हैं।

    ये लोग करेंगे वोडाफोन की मदद :

    वोडाफोन को 25,000 करोड़ रूपए जुटाने में आदित्य बिरला एवं वोडाफोन ग्रुप पीएलसी करेंगे। जहां वोडाफोन ग्रुप पूरी राशी में से 11,000 का योगदान देगा वहीं आदित्य बिरला कुल 7,250 करोड़ रूपए चुकायेंगे। इससे वोडाफोन अपनी सेवाओं को कम दामों में देकर जिओ को टक्कर दे पायेगा एवं ग्राहकों के लिए नयी एवम आकर्षक योजनाएं लांच कर पायेगा।

    अपनी इंडस टावर्स की हिस्सेदारी भी बेचेगा वोडाफोन :

    इन लोगों के योगदान के अलावा वोडाफोन अतिरिक्त राशि जुटाने के लिए इंडस टावर्स में अपनी 11.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का भी दांव लागायेगा। बता दे की इंडस टावर्स की हिस्सेदारी भारती इन्फ्राटेल और आदित्य बिरला के पास भी है।

    वोडाफोन और आईडिया का भी इसी कारण हुआ विलय :

    वोडाफोन आईडिया द्वारा बनाई गयी यह योजना इस बात को रेखांकित करती है कि अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड जो लगभग $ 2 प्रति माह शुल्क में पूरे महीने के लिए YouTube वीडियो देखने के लिए पर्याप्त डेटा के साथ पैकेज प्रदान करता है, उसके खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय वाहक अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बना पाए हैं। 

    माना जा रहा है की टेलिकॉम इंडस्ट्री के बड़े खिलाड़ी वोडाफोन एवं आईडिया का भी विलय इन्हीं कारणों के चलते किया गया था। 

    कैसे पाया जिओ ने इतना बड़ा मुकाम :

    यह बात उल्लेखनीय है की जब जिओ ने इस उद्योग में प्रवेश किया था तो कुछ समय के लिए सभी ग्राहकों को इसने फ्री 4G इन्टरनेट और कालिंग की सुविधा दी थी। इससे एक बड़ी संख्या में ग्राहक जिओ से जुड़ गए थे। फ्री सुविधा अवधि ख़त्म होने के बाद भी जिओ ने दुसरे ऑपरेटर से कम मूल्य में सेवाएं प्रदान करना जारी रखा जिससे इसके ग्राहक बढ़ते चले गए और दुसरे प्रदाताओं के ग्राहक बड़ी संख्या में ग्राहकों को खो दिया।

    अब यदि ऐसा कुछ समय तक और चलता रहा तो जिओ एकाधिकार की स्थिति में आ जाएगा अतः दुसरे प्रदातओं को कोई ठोस योजना बनाने की ज़रुरत है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *