कर्नाटक में गठबंधन सरकार को गिराने की भाजपा की कोशिश के मध्य, बुधवार को मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने दावा किया कि भाजपा अब ऐसा ही तनाव उनके राज्य में बनाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा पर इलज़ाम लगाते हुए, राज्य के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा-“तीन राज्य खोने के बाद वे नियंत्रण से बाहर हो गए हैं। लोक सभा चुनाव आ रहे हैं। अगर वे हार गए, तो वे लम्बे समय तक बाहर ही रहेंगे। इसलिए वे हॉर्स ट्रेडिंग का सहारा ले रहे हैं। लेकिन यहां, कांग्रेस वाले सभी उनके साथ खड़े हैं, चाहे वह सपा हो, बसपा या स्वतंत्र।”
सिर्फ पांच अंकों से आगे, एमपी में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के पास काफी कम बहुमत है। इसमें सपा (1), बसपा (2) और चार निर्दलीय सहित कुल 121 विधायकों का समर्थन है, जबकि भाजपा के 109 सदस्य हैं। यदि कुछ विधायक पार्टी बदल भी दे तो सरकार हिल सकती है।
हालांकि ऐसे दावों से बिना डरे, नाथ ने मंगलवार को भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वे पहले अपने घर को बचाए, कांग्रेस सरकार की परवाह ना करें।
विधानसभा में स्पीकर के चुनाव के वक़्त भाजपा के चले जाने पर उन्होंने कहा-“जो भाग जाए मैदान से, वो क्या रहेगा मैदान में। भाजपा भले ही विधायकों को लुभा रही ही मगर मुझे कांग्रेस के और अन्य सहयोगी दलों के विधायकों पर पूरा भरोसा है। भाजपा को मैं ये बता दूँ, कांग्रेस की चिंता ना करे, बेहतर होगा कि पहले आप अपने घर की रक्षा करें।”