दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने हाल ही में मेट्रो के किराये में वृद्धि की घोषणा की थी। नया किराया 10 अक्टूबर 2017 से जारी किया गया था। विभिन्न दूरियों के लिए किराये में 20 से 50 फीसदी का इजाफा किया गया है।
रेल निगम के इस फैसले का बहुत से लोगों ने बहिष्कार किया है। लोगों के मुताबिक जहाँ प्रशासन को मेट्रो की संख्या बढ़ानी चाहिए थी, वहां उन्होंने किराये में बढ़ोतरी कर डाली। लोगों ने ट्विटर और फेसबुक के जरिये किराया वृद्धि पर अपनी नाराजगी जताई।
DMRC fare hike is totally unjustified.I requested Speaker,@DelhiAssembly to form a Committee to investigate the functioning of Delhi Metro!
— Adarsh Shastri (@adarshshastri) October 10, 2017
लोगों द्वारा इसके विरुद्ध प्रदर्शन करने की भी खबर आयी है। किराया बढ़ाये जाने के दिन मेट्रो में लोगों की संख्या में भी कटौती दिखाई दी।
Rush hour 10.30 am Delhi metro's blue line in Noida looks deserted. Commuters shunning metro after two rounds of fare hike? pic.twitter.com/Yl99NPoIgu
— Sayantan Bera (@sayantanbera) October 12, 2017
लेकिन क्या लोगों का यह गुस्सा सही है? इस बात में कितनी सच्चाई है कि दिल्ली मेट्रो निगम पहले ही लाभप्रद था?
दरअसल पिछले कई सालों से दिल्ली मेट्रो लगातार नुकसान का सामना कर रही थी। बिज़नेस स्टैण्डर्ड नामक वेबसाइट ने कुछ समय पहले एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमे यह कहा गया था कि 2011 के बदले 2014 में दिल्ली मेट्रो की कुल आय 100 प्रतिशत से घटकर 11 प्रतिशत पर आ गयी है।
इस नुकसान के पीछे क्या कारण है?
दरअसल, दिल्ली मेट्रो की सुविधाएं विश्व की सबसे बड़ी मेट्रो सेवाओं में गिनी जाती है, इसके बावजूद इसका किराया विश्व की सबसे सस्ती सेवाओं में से है। मेट्रो चलाने के लिए सबसे जरूरी चीज़ों में बिजली और मानव संसाधन शामिल हैं।
पिछले 10 सालों में इन दोनों सेवाओं में कई बार वृद्धि की गयी है। इसके बावजूद मेट्रो का किराया पहले जैसा ही है – औसतन 1 किमी के लिए 2 रूपए।
लोगों की संख्या बढ़ने के बावजुद दिल्ली मेट्रो को लगातार नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। यदि मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा, तो कुछ दिनों में दिल्ली मेट्रो का भी वही हाल होगा, जो उत्तर प्रदेश और बिहार में रेलों के साथ हो रहा है।
Delhi Metro fare hike will affect my budget by Rs 700 but if we want facilities similar to America, then we'll have to pay: Metro commuter pic.twitter.com/kRgGveYqzI
— ANI (@ANI) October 10, 2017
अगर हम दिल्ली या किसी अन्य बड़े शहर के किसी अन्य परिवहन साधनों की सुविधाओं और किराये की तुलना करते हैं, तो इन सबमे दिल्ली मेट्रो का किराया न्यूनतम है। दिल्ली में लोकल बस का किराया कम दूरियों के लिए औसतन 3 से 4 रूपए प्रति किमी है। यदि लम्बी दूरियों की बात करें, तो यह 2 रूपए के करीब आ जाता है, लेकिन दोनों साधनों की सेवाओं में जमीन आसमान का फर्क है।
अगर मेट्रो को नुकसान हो रहा है, तो उसकी भरपाई कौन करेगा? दिल्ली सरकार भी मेट्रो रेल निगम के इस फैसले के खिलाफ है। अरविन्द केजरीवाल सरकार ने तो इस मामले में जांच कराने के भी आदेश दे दिए हैं। ऐसे में आम जनता को थोड़ा समझदार होकर सोचने की जरूरत है और इस फैसले का समर्थन करने की कोशिश करनी चाहिए।