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    मुकुल रॉय तृणमूल इस्तीफा

    तृणमूल कांग्रेस से निलंबित किये जाने के बाद मुकुल रॉय ने आज पार्टी और राजयसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

    रॉय ने राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू से मुलाक़ात कर यह फैसला लिया। इस्तीफे के वक़्त उन्होंने इसे भारी मन से लिया गया फैसला बताया।

    उन्होंने कहा, ‘आज मैं तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा में चुने जाने के बाद इसकी सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ। मैं पार्टी के भी सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूँ।’

    ममता बनर्जी को निशाना बनाते हुए रॉय ने कहा, ‘हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं, ना की नौकर। कई वरिष्ठ नेताओं के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। इस कारन से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूँ। हालाँकि मेरे कार्यकाल में अभी 6 महीने शेष हैं, मेरे पद पर बना रहने मेरी मर्यादा के खिलाफ है।’

    मुकुल को तृणमूल के भाजपा के खिलाफ रवैया भी नागवार नहीं था।

    उन्होंने कहा, ‘तृणमूल सरकार के मुताबिक कभी भाजपा सांप्रदायिक है और कभी नहीं। तृणमूल के लिए अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण अडवाणी सांप्रदायिक नहीं हैं, बल्कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह सांप्रदायिक हैं। मेरे लिए भाजपा सांप्रदायिक नहीं है।’

    इसके बाद हालाँकि रॉय ने अपने भविष्य के बारे में कोई घोषणा की है। हाल ही में रॉय ने कई भाजपाई नेताओं से मुलाक़ात की है, जिसके बाद यह कहा जा रहा है कि वे भाजपा के साथ जा सकते हैं।’

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।