डब्ल्यू वी रमन ने एक नाजुक समय में भारतीय टीम के कोच का पदभार संभाला है। वह टीम के कोच, मिताली राज और रमेश पोवार के बीच हुए विश्व टी-20 टूर्नामेंट के विवाद के बाद बने है। इन दोनो के बीच नवंबर में वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल मैच से अड़चने पैदा हुई थी। जिसमें पूर्व कोच नें अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज को सेमीफाइनल मैच में जगह नही दी थी। जिसके बाद उन्हें विवादस्पद रूप में कोच के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
53 साल के रमन अब तक कोचिंग में अच्छा करियर रहा है, उन्होने 16 साल क्रिकेट खेलने के बाद, साल 1999 में फर्स्ट-क्लास क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। वह आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाजी के कोच भी रह चुके है। वह इससे पहले अपने गृह राज्य तमिलनाडु और बंगाल की सीनियर साइड के भी कोच रह चुके है। भारतीय महिला टीम का कोच बनने से पहले, वह तीन साल तक भारतीय क्रिकेट अकेडमी में बल्लेबाजी कोच थे।
भारतीय महिला टीम का कोच बनने के बाद जनवरी में शुरू होने वाला न्यूजीलैंड का दौरा उनके लिए एक अच्छी चुनौती रहेगी। जहा भारतीय महिला टीम को 3 वनडे और 3 टी-20 मैचो की सीरीज खेलनी है। यह दौरा आईसीसी महिला चैंपियनशिप का एक भाग है। यह टीम के लिए 2020 ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्वकप के लिए एक अच्छी तैयारी होगी।
भारतीय टीम के लिए यह दौरा चुनौतीपूर्ण होगा क्योकि, आईसीसी महिला चैंपियनशिप में न्यूजीलैंड की टीम 9 मैच में 12 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। वही भारत की टीम आईसीसी महिला चैंपियनशिप में 8 अंको के साथ पांचवे स्थान पर है, जिसमें टीम ने 9 मैच खेले है। 2006 मार्च के बाद भारतीय टीम न्यूजीलैंड में कोई दौरा करेगी और इसमें साल 2006 वाले दो खिलाड़ी ही शामिल है जिसमें झूलन गोस्वामी और मिताली राज का नाम शामिल है।
विजयवाड़ा से टीम के कोच रमन ने क्रिकनेक्सट से बात करते हुए कहा, ” हम इस दौरे में जो कुछ भी देख रहे है हम उसी तरह की क्षमता के साथ खेल भी सकते है, क्योंकि हमारी टीम ओर टीम से क्षमता के मामले में आगे है।”
रमन इस वक्त विजयवाड़ा से वर्तमान में चल रही सीनियर महिला चैलंजर ट्रॉफी पर भी कड़ी नजर बनाए हुए है। उन्होने कहा, ” हमारी टीम को अपनी क्षमता के आधार पर खुद को पीछे रखने की जरूरत नही है। पहले क्या हुआ और आगे क्या होने की संभावना है इस बात को लेकर टीम को चिंता नही करनी चाहिए। यह एक समय है यहा एक ही सवाल का जवाब ढूंढे।”
रमन चार दशक से पुरुष क्रिकेट के साथ जुड़े हुए है तो महिला टीम का कोच बनना उनके करियर के लिए एक प्रतिमान बदलाव होगा।
यह सरल कारण के लिए अलग होगा कि मैं एक विशेष खंड का खेल खेलकर बड़ा हुआ हूं, इसलिए एक बदलाव की तरह दिखता है, मैं सहमत हूं। ” अब मुझे महिला खिलाड़ियो को यह समझाने की जरूरत है वह अपना खेल के लिए कैसा दृष्टिकोण रखते हैं, और यह देखना होगा की स्तरों को अजमाने और करने के लिए क्या करना होगा।”
“महिला क्रिकेट के लिए यह एक नाजुक समय है और मेरे लिए भी यह एक चुनौतीपूर्ण इम्तिहान होगा। जब में नाजुक समय की बात करता हूं तो इसका मतलब यह है कि टीम ने इससे पहले 18 महीने पहले तक बहुत अच्छी क्रिकेट खेली है। यहां से मैं चाहता हूं की टीम और ऊपर जाए तो यह मेरे लिए एक चुनौतीपूर्ण इम्तिहान होगा।”
अगले टी-20 विश्वकप टूर्नामेंट के लिए अब केवल 13 महीने ही बाकी है जिसके लिए रमन बहुत उत्साहित है।
” निश्चित रूप से अभी और टी-20 विश्वकप के बीच काफी समय है, जिसका मतलब है हमारे पास योजना और तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय है। वरिष्ट्र होने के बिना, आप पहले अपने समय को आवंटिक करते हैं जहां वह कौशल को बढ़ाते है। और फिर धीरे-धीरे आप खिलाड़ियो के फिटनेस के लिए बेंचमार्क सेट करते है। इस तरह हम टी-20 विश्वकप जो की 13 महीने दूर है उसकी तैयारी करंगे।