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    पंजाब के गुरदासपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए 2019 के चुनावी जंग का आगाज़ किया। किसानों से लेकर सिख दंगो तक का जिक्र कर उन्होंने हर मोर्चे को साधने की कोशिश की।

    सिख दंगो का जिक्र कर कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा तीन धशक से दंगा पीड़ित न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं और कांग्रेस आरोपियों को मुख्यमंत्री पद का पुरस्कार दे रही है। उन्होंने कहा इन लोगों के हाथ सिख भाई-बहनों के खून से रेंज हैं उनसे पंजाब समेत पुरे देश को सतर्क रहने की जरूरत है।

    ‘प्रधानमंत्री धन्यवाद रैली’ म,इ जहाँ एक तरफ मोदी ने सिख दंगों को लेकर कांग्रेस की बखिया उधेडी वहीँ करतारपुर कॉरिडोर का श्रेय भी अपनी सरकार को दे दिया।

    उन्होंने कहा कि एक राजनैतिक पार्टी के इशारे पर सिखों का खून बहाने वाले गुनाहगारों को ‘सज्जन’ बताकर उनकी गेल दबा दी जाती थी वहीँ एनडीए सरकार ने सत्ता में आते ही एसआईटी का गठन किया ताकि गुनाहगारों को सजा मिल सके।

    कर्जमाफी पर कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति करने के लिए कांग्रेस पार्टी कर्जमाफ़ी के नाम पर किसानों को बेवकूफ बनाती है। स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया कांग्रेस की सरकार ने, बाद में एनडीए सरकार ने इसे लागू किया और किसानों को लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया।

    कर्जमाफी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2009 में किसानों पर 6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था लेकिन कर्जमाफी का वादा करके कांग्रेस सरकार में आ गई और गिने चुने लोगों का कर्ज माफ़ किया। किसानों ने कांग्रेस पर भरोसा किया और वोया आज भी कर्ज में डूबा हुआ है।

    एनडीए सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वाजपेयी सरकार के दौरान गाँवों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम शुरू किया। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी कतरने पर विचार किया जा रहा है। किसान को ताकतवर बनाने के लिए एनडीए सरकार काम कर रही है।

    करतारपुर कॉरिडोर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा बंटवारे के वक़्त सिखों के पवित्र तीर्थ को कांग्रेस भारत में नहीं रख सकी जिसके कारण लोग दूरबीन से इसे देखने को मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि सिखों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए एनडीए सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण शुरू कराया।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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