Fri. May 3rd, 2024

    जमात-ए-इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने राष्ट्रगान को अनिवार्य करने का विरोध किया है। मौलाना ने उस आदेश का विरोध किया है जिसमे सभी मदरसों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता कर दी गई थी। मौलाना ने यह कहते हुए तर्क दिया है कि यह किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए, जिसको गाने का मन है वो गाएगा जिसको नहीं गाना है वो नहीं गाएगा।

     

    दरअसल कुछ वक़्त पहले यूपी सरकार ने एक आदेश पारित किया था जिसके अनुसार सभी मदरसों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रगान गाने और राष्ट्रध्वज फहराने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं मदरसों को उसकी वीडियोग्राफी करनी थी। इस पुरे मामले को लेकर एक विवाद छिड़ गया था जिसमे एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दी थी कि इस आदेश पर रोक लगाई जाए। परन्तु कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

    इस विवाद में अब जमात-ए-इस्लामी हिन्द के मौलाना कूद पड़े है उनका कहना है कि राष्ट्रगान एक स्वेछा से गायी जाने वाली चीज़ है, इसे किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए।