आम आदमी पार्टी ने शनिवार को केंद्र में मोदी सरकार को हटाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों के साथ सहयोग की संभावना को स्वीकार करते हुए अपने नेताओं के साथ ‘महागठबंधन’ का हिस्सा बनने के संकेत दिए।
पार्टी ने अपने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कहा कि वह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ में 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी सारी शक्ति और ऊर्जा का उपयोग करेगी।
आम आदमी पार्टी दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि पार्टी मोदी सरकार के अंत को सुनिश्चित करने में अपना योगदान देगी, जिसमें अन्य पार्टियों का सहयोग भी शामिल है। गोपाल राय ने कहा, “हमने तय किया है कि आम आदमी पार्टी मोदी-शाह की जोड़ी की तानाशाही को खत्म करने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।” उन्होंने कहा कि अपनी भूमिका निभाने के अलावा, पार्टी दूसरों के साथ सहयोग भी करेगी।
इसी महीने विपक्षी दलों की हुई एक बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी शामिल हुए। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पिछले कुछ महीनों से मोदी विरोधी गठबंधन बनाने की कोशिशों में लगे हैं और उन्होंने कई पार्टियों के नेताओं से मुलाक़ात भी की है।
हालाँकि महागठबंधन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर दरार भी देखने को मिली है। बहुजन समाज पार्ट सुप्रीमों मायावती, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर राहुल गाँधी के नाम की मुखालफत की है।
दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलें लगती रही है जिसपर दोनों पार्टियों की तरफ से गोलमोल जवाब मिलता रहा है ,दोनों पार्टियों ने खुल कर इन अफवाहों का खंडन नहीं किया है।
हालाँकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के 7 लोकसभा सीटों में से 2 सीटों पर अप्रत्यक्ष रूप से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।