भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पहले विदेशी दौरे पर है। राष्ट्रपति कोविंद अपनी चार दिन की विदेश यात्रा में जिबूती और इथोपिया जायेंगे। राष्ट्रपति कोविंद मंगलवार को जिबूती पहुंचे, जहां उनका स्वागत जिबूती के प्रधानमंत्री कामिल मोहम्मद ने किया। इस दौरे पर भारत और दोनों अफ़्रीकी देशो (जिबूती और इथोपिया) में कुछ समझौते होंगे। राष्ट्रपति कोविंद अपने शपथ के तीसरे महीने में अपनी पहली विदेश यात्रा करने जा रहे है, जिसमे उन्होंने जिबूती और इथोपिया को चुना है।
दोनों देशो के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे
भारत के राष्ट्रपति कोविंद के इस दौरे की अगवानी जिबूती के प्रधानमंत्री कामिल मोहम्मद ने की। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका) ने इस दौरे के बारे में बताते हुए कहा है कि इस दौरे के दौरान दोनों विदेश कार्यालय परामर्श तथा इथोपिया के साथ वृहद् आर्थिक सहयोग को संस्थागत बनाना के समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। राष्ट्रपति कोविंद अपने चार दिन के प्रवास के दौरान दोनों देशो में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगो से भी बात करेंगे।
भारत ने माना जिबूती को हिन्द महासागर क्षेत्र का महत्वपूर्ण देश
भारत के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने कहा है कि यह देश एक महत्वपूर्ण देश है। जिबूती के साथ भारत ने 2016-2017 में करीब 28.4 करोड़ का द्विपक्षीय कारोबार किया था।
मलिक ने आगे कहा की भारत की विदेश नीति के लिए हिन्द महासागर का क्षेत्र एक महत्वपूर्ण है। भारत और अफ्रीका के विदेशनीति का एक महत्वपूर्ण बिंदु इन दोनों देश के साथ होने जा रहे समझौतों से शुरू होगा। आगे मलिक ने कहा कि भारत ने जिबूती को 4.9 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता दी है। यह ऋण मुख्या रूप से एक सीमेंट संयंत्र लगाने के लिए दिया गया है।
45 साल बाद इथोपिया जायेगा भारत का राष्ट्रपति
राष्ट्रपति कोविंद की पहली यात्रा को एक विस्मर्णीय यात्रा के रूप में देखा जा रहा है, 1972 में तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरी इथोपिया की यात्रा पर गए थे। भारत के राष्ट्रपति 45 साल बाद इथोपिया की यात्रा करेंगे। द्विपक्षीय कारोबार की बात की आये तो भारत का इथोपिया के साथ भारत ने 2016 में एक अरब डॉलर का कारोबार किया था।