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    बांग्लादेश की प्रधानमन्त्री खालिदा जिया

    बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमन्त्री खालिदा जिया के केस की सुनवाई करते हुए बांग्लादेश की अदालत ने मंगलवार को आगामी चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया है। हालांकि बांग्लादेश हाई कोर्ट इस केस में विभाजित नज़र आया है। इस मामले की सुनवाई कर रहे सदस्य पीठ में से एक जज ने जहां खालिदा जिया के चुनाव लड़ने का समर्थन किया है वहीँ दूसरा जज इस विचार से सहमत नज़र नहीं आये थे।

    दूसरे न्यायाधीश ने उन्हें भ्रष्टाचार के दो मामलों में 10 साल की सज़ा का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने पर अयोग्य घोषित का दिया है। हाल ही में चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों में उनकी दावेदारी को रद्द करने का फैसला सुनाया था इसके निर्णय को चुनौती देते हुए खालिदा ने अदालत में याचिका दायर की थी। खालिदा जिया ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरा था।

    अधिकारी ने बताया कि दोनों न्यायाधीश इस निर्णय पर एक मत नहीं है, ऐसी स्थिति में इस केस को दोबारा मुख्या न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। वरिष्ठ जज सय्यद रफत अहमद ने चुनाव आयोग को कहा कि खालिदा जिया के नामांकन को स्वीकार कर ले जबकि अन्य जज ने बीएनपी की नेता को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जाए।

    भ्रष्टाचार के आरोप में खालिदा जिया को हुई थी सज़ा

    बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में शीर्ष अदालत ने सात वर्ष की सज़ा सुनाई है। खालिदा जिया के समर्थकों ने अदालत के इस निर्णय को राजनीति से प्रभावित बताया है। खालिदा जिया बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की विरोधी है।

    बांग्लादेश में चुनाव 30 दिसम्बर हो आयोजित होंगे। बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग ने चुनावों के लिए प्रचार की शुरुआत कर दी है।

    बांग्लादेश की पूर्व 73 वर्षीय प्रधानमन्त्री दो चैरिटी से सम्बंधित भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सज़ा काट रही है। ढाका की विशेष अदालत ने 8 फ़रवरी को खालिदा जिया को अनाथालय भ्रस्ताचार केस का दोषी ठहराया था और पांच वर्ष की करावासका दंड सुनाया था। उन्हें 21 मिलियन डॉलर विदेश अनुदान चैरिटी के नाम पर गबन करने के लिए सजा सुनाई गयी थी। 30 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने उनकी सज़ा को दोगुनी कर दिया था।

    खालिदा जिया की पार्टी साल 1983 में उनके पति की मृत्यु के पूर्व बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी थी। खालिदा जिया साल 1984 में बीएनपी की अध्यक्ष बनी और अभी तक उस पद पर आसीन हैं। 35 सालों के अपने राजनीतिक सफ़र में वह कई बार जेल जा चुकी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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