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    कमल हासन और अरविन्द केजरीवाल

    दिल्ली की सत्ता हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी धीरे-धीरे पूरे देश में पाँव पसार रही है। हालिया विधानसभा चुनावों में उसने पंजाब और गोवा में चुनाव भी लड़ा था पर उसे जीत हाथ नहीं लगी थी। आम आदमी पार्टी ने अगले वर्ष राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में उतरने का ऐलान किया है और आप के संस्थापक सदस्य डॉ. कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए अब आम आदमी पार्टी दक्षिण भारत की तरफ रुख कर रही है। आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने एक दिवसीय दौरे पर आज तमिलनाडु जा रहे हैं। वहाँ वह दिग्गज अभिनेता कमल हासन से मुलाकात करेंगे। बता दें कि कमल हासन इन दिनों राजनीति में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं और खबरों की माने तो वह जल्द ही अपनी नई पार्टी शुरू कर सकते हैं।

    दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि अरविन्द केजरीवाल की तमिलनाडु यात्रा एक अधिकारिक यात्रा है। अपनी यात्रा के दौरान केजरीवाल तमिलनाडु सरकार के चेन्नई स्थित विश्वस्तरीय कौशल विकास केंद्र का दौरा करेंगे। हालांकि इसके बाद वह कमल हासन से मुलाकात भी करेंगे और तमिलनाडु के राजनीतिक भविष्य की रणनीति पर चर्चा भी करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु के राजनीतिक हालत अस्थिर है और देश की सभी प्रमुख पार्टियां तमिलनाडु की राजनीति में अपनी भूमिका तलाश रही हैं। ऐसे हालातों में अरविन्द केजरीवाल के तमिलनाडु दौरे को राज्य में आम आदमी पार्टी के पाँव जमाने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है।

    सत्ता में ना रहते हुए भी बड़ी भूमिका निभाने की चाह रखते है हासन

    कमल हासन ने स्पष्ट किया था कि उन्हें ताजपोशी या सत्ता की चाह नहीं है। उन्होंने कहा था कि वह राजनीति में अहम भूमिका निभाना चाहते हैं और लोगों की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने तमिल अभिनेता विजयकांत जैसे कद की राजनीति करने से भी साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह सत्ता में आने या प्रमुख विपक्षी दल बनने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए राजनीति से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज की भलाई से जुड़ी कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिस पर सिर्फ राजनीति का नियंत्रण होता है। उन चीजों को पूरा करने के लिए उन्हें राजनीति में आने की जरुरत महसूस हुई है।

    कमल हासन आजकल लगातार बैठकों में व्यस्त हैं। कमल हासन अभी हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से मिले थे। माना जा रहा है कि तमिलनाडु के सत्ताधारी दल एआईएडीएमके और विपक्षी दल डीएमके के किसी बड़े गठबंधन करने से पहले ही कमल हासन अपनी पार्टी के गठन की घोषणा कर सकते हैं। तमिलनाडु की राजनीति में प्रवेश करने के लिए यह उपयुक्त समय है। कमल हासन का मानना है कि जयललिता के निधन के बाद से तमिलनाडु का सियासी फलक सूना पड़ा हुआ है। राजनीति से जुड़े अपने हालिया कुछ बयानों पर मिले जनता के समर्थन से वह अभिभूत नजर आ रहे हैं। फिलहाल कमल हासन अपने समर्थक नेताओं और राजनीतिज्ञों के साथ मिलकर अपनी पार्टी के गठन का सियासी खाका खींचने में लगे हुए हैं।

    केजरीवाल और हासन मिलकर बदल सकते हैं दक्षिण की राजनीति

    आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल के तमिलनाडु दौरे और कमल हासन से मुलाकात को लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है। पिछले कुछ वक्त से आप के विस्तार के लिए अरविन्द केजरीवाल देशभर में संभावनाएं तलाश रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 5 नवंबर को आम आदमी पार्टी ने महारैली का आयोजन किया है और अरविन्द केजरीवाल इस दौरान विधानसभा चुनावों में उतरने का ऐलान कर सकते हैं। तमिलनाडु के मौजूदा हालात उनके लिए एक बेहतर मौका हो सकते हैं। इन दोनों दिग्गजों की मुलाकात कराने में आप नेता आशुतोष की बड़ी भूमिका रही है। हाल ही में आम आदमी पार्टी ने तमिलनाडु में किसानों के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन भी किया था। कमल हासन इससे पूर्व कई वामपंथी नेताओं से मिल चुके हैं लेकिन अपना रुख उन्होंने स्पष्ट कर दिया है।

    बीते दिनों कमल हासन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि भगवा मेरा रंग नहीं है। इसके बाद से ही यह स्पष्ट हो गया था कि वह भाजपा के साथ जाने के इच्छुक नहीं है। आए दिनों वह सोशल मीडिया पर भी मोदी सरकार की नीतियों को लेकर व्यंगात्मक टिप्पणी करते नजर आए हैं। अब सबकी निगाहें केजरीवाल और कमल हासन की मुलाकात पर टिक गई हैं। इस मुलाकात के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि क्या कमल हासन तमिलनाडु में झाड़ू लगाने की मंशा रखते है? कमल हासन दक्षिण भारत के लोकप्रिय सितारे हैं और आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय मुद्दे पर आधारित पार्टी है। ऐसे में अगर यह दोनों दिग्गज साथ आते हैं तो दक्षिण भारत की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते है।

     

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।