भाजपा विरोधी दल 10 दिसंबर को 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा विरोधी गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मीटिंग करने वाले हैं। ये मीटिंग 5 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के चुनाव परिणाम और संसद का शीतकालीन सत्र के शुरू होने से ठीक पहले हो रही है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू इस मीटिंग का संयोजन कर रहे हैं। उन्होंने इस जमावड़े के लिए सभी भापा विरोधी दलों को निमंत्रण भेजा है।
सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन के भविष्य पर चर्चा के लिए रखी गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और यूपीए की संयोजक श्रीमती सोनिया गाँधी के इस मीटिंग में शामिल होने के आसार हैं। इस मीटिंग में भाजपा विरोधी मोर्चे के अलावा संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार मीटिंग के दौरान विपक्षी दलों के बीच राफले सौदे और किसानों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है।
ना सिर्फ भाजपा विरोधी दलों के अध्यक्ष बल्कि भाजपा विरोधी दलों के सरकार वाले मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पुदुचेरी) को भी मीटिंग के लिए निमंत्रण भेजा गया है।
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इण्डिया (मार्क्सवादी ) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) के जनरल सेक्रेटरी एस सुधाकर रेड्डी के इस मीटिंग में शामिल होने की उम्मीद है। इनके अलावा डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव भी इस मीटिंग में शामिल हो सकते हैं।
इसके अलावा सबकी नजरे दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल पर टिकी है। गैर भाजपा और गैर कांग्रेस राजनीति का विकल्प बनकर दिल्ली की सत्ता में आने वाले अरविन्द केजरीवाल के लिए हालाँकि विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ मंच साझा करना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले केजरीवाल कर्नाटक में कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण के समय राहुल गाँधी के साथ मंच साझा कर चुके हैं और बही हाल ही में दिल्ली में किसानो की रैली में भी उन्होंने राहुल गाँधी के साथ मंच साझा किया था। वैसे आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि उनकी पार्टी इस भाजपा विरोधी दलों की मीटिंग में शामिल होगी।
बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओड़िसा के मुख्यमंत्री अभी तक किसी भी गठबंधन के साथ नहीं दिखे हैं। हालाँकि सूत्रों का कहना है कि वो चुनाव बाद विरोधी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती भी इस मीटिंग में शामिल नहीं होंगी लेकिन वो अपने प्रतिनिधि के रूप में सतीश चन्द्र मिश्रा को भेज सकती हैं।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मीटिंग में शामिल हो सकते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार अगर वो न आ पाये तो अपने प्रतिनिधि के रूप में राम गोपाल यादव को भेज सकते हैं।
चन्द्रबाबू नायडू पिछले कई महीनो से विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर लोकतंत्र बचाने के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन की कोशिश कर रहे हैं।
दिल्ली में बैठक हुई शुरू
कांग्रेस पार्टी के नेत्र्तव में विपक्षी दलों की बैठक दिल्ली में शुरू हो चुकी है। इस बैठक में अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, एच डी देवेगौडा, तेजस्वी यादव, शरद पवार समेत कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
Change is coming.
UPA Chairperson Smt. Sonia Gandhi, Former PM Dr. Manmohan Singh & Congress President @RahulGandhi attend Key Opposition Meet in Parliament Annexe today. pic.twitter.com/vrDEDVgeIA
— Congress (@INCIndia) December 10, 2018
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि देश में बदलाव की लहर है और कांग्रेस के नेत्रत्व में सभी विपक्षी दल एक साथ मिलकर 2019 का चुनाव लड़ेंगे।