बुलंदशहर में भीड़ द्वारा हिंसा में एक पुलिस इन्स्पेक्टर की हत्या के बाद देश भर में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए गाय को बचाना ज्यादा जरूरी जान पड़ता है।
बुलंदशहर के हालात पर जायजा लेने के लिए मंगलवार की रात बुलाये गए एक उच्चस्तरीय मीटिंग में मुख्यमंत्री ने पुलिस से साफ़ कहा है कि गौहत्या के शामिल लोगों पर सख्त कारवाई की जाए। मीटिंग में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
अपर मुख्य सचिव अविनीश अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री को लगता है कि इस घटना के पीछे एक बहुत बड़ी साजिश थी और इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल गुनाहगारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया और गौहत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए गए।”
ना तो मुख्यमंत्री ने और ना ही मीटिंग में शामिल किसी पुलिस अधिकारी ने घटना में मारे गए इन्स्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बारे में एक शब्द कहा।
पुलिस ने इस सम्बन्ध में 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जिसमे से 8 लोग हिंदूवादी संगठन विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और युवा भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पुलिस के अनुसार घटना का समय और क्षेत्र इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बहुत बड़ा दंगा भड़काने की साजिश थी। जिस तरह से गाय के शव को गन्ने के खेत में टांगा गया ताकि वो दूर से ही दिख जाए और जिस तरह तुरंत ही बड़ी संख्या में दक्षिणपंथी संगठन वहां पहुँच गए उससे देख ऐसा लगता है कि ये सब सुनियोजित ढंग से किया गया था। वहां से कुछ ही किलोमीटर दूर मुसलमानों का एक बहुत बड़ा जलसा चल रहा था और उसमे शामिल लोगों को बुलंदशहर के रास्ते ही लौटना था।
लेकिन पुलिस की सूझबूझ से बहुत बड़ा हादसा होते होते टल गया।