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    रोहिंग्या मुस्लिमों आतंकवाद

    केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों के पाकिस्तानी आतंकवाद से जुड़े होने की पुष्टि की है। इस मुद्दे पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसकी जानकारी दी है।

    आज सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या मुस्लिमों के भारत में रहने पर चर्चा हो रही है। इस दौरान केंद्र सरकार ने जानकारी देते हुए कुछ रोहिंग्या मुस्लिमों के पाकिस्तान आतंकवादियों से जुड़े होने के सबूत दिए हैं। सरकार के मुताबिक रोहिंग्या के देश में रहने से आंतरिक सुरक्षा को कई ओर से खतरा है।

    अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की और से कहा गया है कि जिन इलाकों में रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं, वे छेत्र पहले से ही सुरक्षा के मामलों में नाज़ुक हैं। ऐसे में उनके यहाँ रहने से परिस्थिति और भी बिगड़ सकती है।

    दरअसल दो रोहिंग्या मुस्लिमों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें देश में रहने देना चाहिए। इसपर सरकार ने आपत्ति जारी करते हुए कहा था कि उनका यहाँ रहना देश की आंतरिक व्यवस्था को बिगड़ सकते हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।

    आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से रोहिंग्या के आतंकवाद से जुड़े होने की बात कही गयी है। भारत में रोहिंग्या मुस्लिम मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, असम और बंगाल के इलाकों में रह रहे हैं जहाँ हालत पहले ही नाजुक साबित हो रहे हैं।

    रोहिंग्या को भारत में रहने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी जोर दिया था, जिसपर भारत की और से कहा गया था कि राष्ट्रिय सुरक्षा पर किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जा सकता है।

    इससे पहले असम की भाजपा नेता बेनज़ीर अरफान को पार्टी ने ससपेंड कर दिया था क्योंकि वे रोहिंग्या मुस्लिमों का समर्थन कर रही थी। दरअसल असम अवैध शरणार्थियों की वजह से काफी नाजुक बन चुका है। यहाँ समय समय पर आतंकवादी हमले हुए हैं। हिंसा की वारदातें बढ़ती जा रही है। ऐसे में सरकार इस विषय पर काफी सख्त है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।