आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान मदद के लिए चीन की यात्रा पर गए थे। चीन ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद करने को लेकर कहा कि वह पाकिस्तान को कर्ज देने की बजाये कई क्षेत्रों में निवेश करेंगे और व्यापार बढ़ाएंगे। पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है।
चीन दौरे से पूर्व इमरान ने उम्मीद जताई थी कि चीन आर्थिक विपदा से निपटने के लिए पाकिस्तान की मदद करेगा। चीन के किसी आर्थिक मदद के ऐलान न करने के कारण पाकिस्तान मायूस है। पाकिस्तान मदद के लिए आईएमएफ का रुख नहीं करना चाहता है, क्योंकि आईएमएफ पाकिस्तान से सीपीईसी समेत सभी तरीके के कर्जों का खुलासा करने की मांग कर रहा है। चीन ने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को आईएमएफ की शरण में न जाने का आश्वासन दिया था।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने एक सप्ताह पूर्व कहा था कि पाकिस्तान की आर्थिक मुसीबत का समाधान हो गया है। उन्होंने कहा कि 12 बिलियन डॉलर आर्थिक गैप को भरने के लिए 6 बिलियन डॉलर सऊदी अरब ने दिया व अन्य की चीन मदद करेगा। लाहौर में स्थित चीनी दूतावास के अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को नकद राशि देने की बजाये, वहां नए प्रोजेक्टों में निवेश करके कई बैलआउट पैकेज देने की योजना चीन बना रहा है।
हाल ही में कराची में स्थित चीनी दूतावास पर शुक्रवार को तीन बंदूकधारियों ने हमला किया था। एक घंटे तक जारी इस गोलीबारी के दौरान दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी और सभी हमलावरों को मार गिराया गया है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अामिर अहमद शेख ने कहा कि चीनी दूतावास के सभी अधिकारी और स्टाफ सुरक्षित है और इस गोलीबार के दौरान उन्हें कोई नुकसान नहीं पंहुचा है।
बलूचिस्तान के अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और तीन हमलावरों की तस्वीरे जारी की है। कराची में कई चरमपंथी समूह मौजूद है जिसमे बलोच अलगाववादी भी शामिल है। स्थानीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद अशफाक ने कहा कि हमलावरों ने सुबह 9 बजे चीनी दूतावास पर हमला बोला था, हमलावरों से सबसे पहले गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों पर गोली चलायी और मुख्य द्वार को कब्जे में लेकर दूतावास के भीतर प्रवेश किया था।
चीनी राजदूत ने कहा कि चीन पाकिस्तान को कभी ऐसी लचर हालात में नहीं छोड़ेगा और उसकी अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए कई संसाधन उपलब्ध करेगा। उन्होंने कहा कि इमरान खान के चीनी दौरे के दैरान 15 समझौतों पर दस्तखत किये गए थे। इन समझौतों से दोनों राष्ट्रों के मध्य राजनीतिक, वित्तीय और सहयोग का विस्तार होगा और सांस्कृतिक सम्बन्ध मज़बूत होंगे।
पाकिस्तान पर बढ़ते कर्ज के बाबत चीनी अधिकारी ने कहा कि सीपीईसी परियोजना के कारण पाकिस्तान पर कर्ज का भार नहीं बढ़ा है, सीपीईसी के अंतगर्त 22 में से केवल 4 प्रोजेक्टों को लागू किया गया है।