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    सुप्रीम कोर्ट जेपी ग्रुप

    सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिल नाडु में चल रहे नीट को लेकर प्रदर्शन पर कहा है कि यह तमिल नाडु सरकार की जिम्मेदारी है कि राज्य में किसी प्रकार की हिंसा ना हो।

    आपको बता दें कि पिछले सप्ताह तमिल नाडु की एक छात्रा अनीता ने नीट की परीक्षा को लेकर आत्महत्या कर ली थी। हुआ यह था कि तमिल नाडु में इससे पहले हर साल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए 12 वी की परीक्षा के अंक देखे जाते थे। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि अबसे पुरे देश में नीट की परीक्षा को मान्यता दी जायेगी।

    तमिल नाडु की अनीता

    इसपर जब इस साल की परीक्षाएं हुई तो अनीता को 12 वी में अच्छे अंक मिले लेकिन वह नीट की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। इसके बाद अनीता को मेडिकल कॉलेज में ऑडिशन नहीं दिया गया। अनीता ने सरकार से गुजारिश की कि इस साल भी 12 वी के अंकों को मान्यता दी जाए। लेकिन सरकार ने इस अपील को ठुकरा दिया था।

    सरकार द्वारा अपील को ठुकरा दिए जाए के बाद अनीता ने अपनी जान दे दी। अनीता की हत्या के बाद तमिल नाडु में आक्रोश का माहौल पैदा हो गया है। दरअसल छात्रों का मानना है कि नीट की परीक्षा सीबीएसई के सिलेबस को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है। इससे स्टेट सिलेबस पढ़ रहे बच्चों को नुक्सान होता है।

    तमिल नाडु में 60 प्रतिशत बच्चे स्टेट सिलेबस से पढाई कर रहे हैं। ऐसे में उनके लिए महँगी कोचिंग लेना मुमकिन नहीं है। इस बात से कई दिनों से राज्य में नीट के खिलाफ विरोध जारी है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।