Sat. Nov 23rd, 2024
    देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र

    गुरुवार को राज्य विधानसभा में बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘ओबीसी’ कोटा में मराठियों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें इसमें शामिल करने से आपत्तिजनक असर पड़ सकता है।

    सरकार ने ये ऐलान किया है कि उन्होंने मराठा आरक्षण के लिए ‘कैबिनेट उप समिति’ का गठन किया है। इस पैनल में 7 वरिष्ठ मंत्री होंगे और सदस्य सचिव के तौर पर एक ‘आईएएस’ अफसर होंगे। इसको चलाने का काम राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल करेंगे। ‘पीडब्ल्यूडी’ मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े, जल संरक्षण मंत्री राम शिंदे इस पैनल के अन्य सदस्यों में शामिल है।

    वर्तमान में, महाराष्ट्र में आरक्षण 52% है जबकि सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित सीमा केवल 50% तक ही है।

    मराठियों ने 16% कोटा की मांग की थी और ‘महाराष्ट्र स्टेट बैकवर्ड क्लासेज कमिशन’ की इस समुदाय की सामाजिक, शिक्षात्मक और वित्तय पिछड़ेपन की रिपोर्ट को समर्थन देने के बाद, राज्य ने इनकी मांग कबूल कर ली। हालांकि अब तक आरक्षण की सीमा तय नहीं की गयी है।

    राज्य, मराठियों को अलग श्रेणी में आरक्षण देने की प्लानिंग कर रही है जिसका नाम “सामाजिक और शिक्षात्मक श्रेणी”(एसईबीसी) है। फडणवीस ने कहा कि मराठियों को ‘ओबीसी’ के आरक्षण कोटा में डालने से मौजूदा कोटा में गड़बड़ी आ जाती। राज्य की लगभग 52% हिस्से में ये समुदाय मौजूद है और उन्हें 27% का आरक्षण मिलता। नयी श्रेणी बनाने से क़ानूनी जाँच का डर भी नहीं है क्यूँकि कोर्ट ने इसकी इज़ाजत दे दी है।

    उन्होंने आगे कहा-“1992 के फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने 50% की सीमा को असाधारण परिस्थितियों में आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी थी। तमिल नाडु और कर्नाटक में ऐसा किया भी जा चूका है। ये श्रेणी हमें मौजूदा 52% के कोटा को बिना छुए, मराठियों को आरक्षण देने में मदद करेगी।”

    राज्य सरकार अगल हफ्ते की शुरुआत में मराठियों के आरक्षण के लिए बिल लेकर आ सकती है। आरक्षण 15% और 16% के बीच में निर्धारित होने की आशंका जताई जा रही है।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *