जेडीयू के बागी नेता शरद यादव के लिए एक राहत भरी खबर है। हाल के कुछ दिन शरद यादव के लिए मुश्किल भरे रहे हैं। महागठबंधन से अलग होकर भाजपा का हाथ थामने पर शरद यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ बागी सुर छेड़ दिए थे। जेडीयू ने जवाबी प्रतिक्रिया में शरद यादव को शक्तिहीन करने के लिए जरुरी सारे हथकंडे अपना लिए और उन्हें पार्टी में हाशिए पर कर दिया। बीते दिनों राज्यसभा में जेडीयू संसदीय दल के नेता और नीतीश कुमार के करीबी आरसीपी सिंह और जेडीयू महासचिव संजय झा ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाक़ात कर शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। लेकिन इस पर कोई निर्णय लेने से पहले राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार करना होगा।
जेडीयू पर दावे को लेकर चुनाव आयोग का कोई फैसला नहीं आया है और इसके आने तक शरद यादव राज्यसभा सदस्य बने रहेंगे। चुनाव आयोग ने अभी तक इस बात पर निर्णय नहीं लिया है कि जेडीयू की कमान किसके हाथ में रहेगी। अगर जेडीयू की कमान शरद यादव के हाथ में रहती है तो वह राज्यसभा सदस्य बने रहेंगे वहीं अगर जेडीयू का नेतृत्व नीतीश कुमार के हाथों में जाता है तो उनकी राज्यसभा सदस्यता जानी तय है। हालाँकि जेडीयू की कमान शरद यादव के हाथों में रहने पर भी नीतीश कुमार का खेमा उन्हें अपनी सदस्यता के लिए जरुरी विधायकों का समर्थन साबित करने की बात कर सकता है और जरुरी आंकड़ों तक ना पहुँचाने की स्थिति में शरद यादव की राज्यसभा से विदाई तय है।
शरद यादव ने पेश किया है जेडीयू पर दावा
जेडीयू के बागी नेता शरद यादव ने 25 अगस्त को चुनाव आयोग के समक्ष दल और चुनाव चिन्ह पर अपना दावा पेश किया था। शरद यादव जेडीयू के संस्थापक अध्यक्ष हैं और बिहार में सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार-जॉर्ज फर्नांडिस ने अपनी समता पार्टी का विलय जेडीयू में किया था। इस वजह से भी शरद यादव का दावा मजबूत है। शरद यादव ने उसी आधार पर चुनाव आयोग के समक्ष अपना दावा पेश किया है जैसे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पिछले वर्ष सपा पर पेश किया था। हालाँकि मुलायम सिंह यादव का दावा चुनाव आयोग ने ख़ारिज कर दिया था और अखिलेश यादव को सपा की कमान सौंप दी थी।
यह इत्तेफाक की ही बात है कि सपा की कमान को लेकर मची घमासान पर भी कांग्रेस सहयोगी दल की भूमिका में थी और जेडीयू की कमान को लेकर मचे घमासान में भी कांग्रेस सहयोगी दल की भूमिका में है। सपा की नेतृत्व की जंग में कांग्रेस ने अखिलेश यादव का साथ दिया था और आज कांग्रेस शरद यादव के साथ खड़ी है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी शरद यादव के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं और उन्होंने कहा है कि शरद यादव के नेतृत्व वाले जेडीयू से उनका गठबंधन चलता रहेगा।
जेडीयू के कई वरिष्ठ नेता और बिहार इकाई के सदस्य शरद यादव के पक्ष में हैं और इस वजह से जेडीयू उन्हें पार्टी से बर्खास्त भी कर चुकी है। शरद यादव गुट के नेता जावेद रजा ने कहा है कि नीतीश कुमार गुट की तरफ से हो रही कोशिश पर हम स्पष्ट कर देना चाहते है कि अभी यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है। इस बाबत शरद यादव ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को भी सूचित कर दिया है। चुनाव आयोग का फैसला आने तक राज्यसभा के सभापति इस पर कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं ।