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    अरविन्द केजरीवाल और मनोज तिवारी

    दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से ही राजनीतिक टकराव की स्थिति है। अक्सर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच के मतभेद उभरकर सामने आते रहे हैं। हालत तब से और खराब हो गए हैं जब से दिल्ली निकाय चुनावों में भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। अब भाजपा शासित एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच अक्सर टकराव देखने को मिलता है। यूँ तो दोनों ही राजनीतिक दल साथ मिलकर काम करने की बात करते हैं लेकिन यह बात महज कोरी बयानबाजी बनकर रह जाती है। आज के समय में दिल्ली में कूड़े निस्तारण की समस्या बढ़ गई है। इसे लेकर एमसीडी और केजरीवाल सरकार में अक्सर खींचतान होती रहती है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है।

    दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हाल ही में हुए गाजीपुर हादसे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए मुलाकात का वक्त माँगा है। उनका कहना है कि हमारी आपसी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का खामियाजा दिल्ली की जनता को नहीं भुगतना पड़े, इसके लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। साथ ही उन्होंने इस बात का भी दावा किया है कि कई बार कोशिश करने के बावजूद भी वह आम आदमी पार्टी अध्यक्ष से नहीं मिल पाए हैं।

    यह है पत्र में लिखित प्रमुख समस्याएं

    दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने पत्र में 7 प्रमुख समस्याओं का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि इन समस्याओं के निपटारे के वह मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मिलकर बात करेंगे। पत्र में लिखित प्रमुख समस्याएं हैं –

    – कूड़ा निस्तारण की अव्यवस्था और लैंडफिल साइट के चलते पूर्वी दिल्ली में बिगड़ती सफाई व्यवस्था
    – सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था की वजह से हो रही कठिनाई
    – नगर निगम के आर्थिक संसाधनों के जारी किए जाने में हो रही देरी
    – दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने में हो रही देरी
    – दिल्ली की सीवर व्यवस्था और सफाई के कामों में कर्मचारियों, अधिकारियों की लापरवाही
    – अनियमित कॉलोनी, झुग्गी बस्ती और दिल्ली देहात में हो रही पानी की कमी
    – गेस्ट टीचर्स और सरकारी विभागों में अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने में हो रही देरी

    एमसीडी ने निकाला हल

    मनोज तिवारी ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने कूड़ा निस्तारण का हल निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि अगले एक सालों के भीतर गाजीपुर का कूड़ा पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। गाजीपुर के कूड़े का इस्तेमाल सड़क निर्माण के लिए होगा। इस सन्दर्भ में हमने भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से समझौता कर लिया है। आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से बड़ी कोई संस्था नहीं है। लेकिन अरविन्द केजरीवाल बातों से दबाव बनाना चाहते हैं और समस्याओं ले निपटारे के लिए फण्ड रिलीज नहीं कर रहे हैं। पिछले 10 सालों के दौरान राज्य सरकार को कूड़े के पहाड़ की इस समस्या से निपट लेना चाहिए था।

    आगे मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए दिल्ली सरकार को नया लैंडफिल खोजकर सेटअप हो जाना चाहिए था लेकिन सरकार किसी बड़ी दुर्घटना का इन्तजार कर रही थी। उन्होंने कहा कि जब मैं अरविन्द केजरीवाल से मिलने गया तो वह भाग गए। आखिर जब तक इस मसले पर बातचीत नहीं होगी तब तक इसक निपटारा कैसे होगा?

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।