अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अमेरिकी जनता से कहा कि अमेरिका तालिबान से जंग नही हार रहा है और न ही उनके बढ़ते हमलों के जवाब देने में लापरवाही बरतेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए तत्पर है, लेकिन वे सरकार के साथ सीधे बातचीत करने के इच्छुक नहीं है। अशरफ गनी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि तालिबान जीतने की स्थिति में नहीं है।
अशरफ गनी ने बताया कि बीते चार सालों में 2800 अफगान सैनिक मारे गए हैं और इसमें से अधिकतर बचाव करते हुए शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि सरकार विचार कर रही है कि कैसे सरना को तैनात किया जाए।
शहीद दिवस के मौके पर अशरफ गनी ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य सहयोग को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इसमे अमेरिका के मेजर ब्रेंट टेलर भी थे जो अफगान सैनिकों को प्रशिक्षण देते थे। टेलर को एक सप्ताह पूर्व उनके ही ट्रेनी ने गोली मार दी थी।
उन्होंने कहा कि इस जंग के दौर हमारे 28529 सैनिक मारकर शहीद हुए हैं। अक्टूबर में जारी हुई कांग्रेस को रिपोर्ट पर विशेष अधिकारी ने बताया कि यह रेपोरी सितंबर 2017 तक की है क्योंकि अमरीकी काबुल सैन्य कमांड ने अफगान सरकार के आग्रह पर रिपोर्ट सार्वजनिक करने बंद कर दिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने बताया कि अफगान सेना के सिर्फ अगस्त और सितंबर में 1000 से अधिक सैनिक मृत औऱ जख्मी हो गए थे।
अमेरिका तालिबान के साथ बातचीत प्रक्रिया को बढ़ाकर 17 साल से जारी जंग पर पूर्णविराम लगाना चाहता है। अमेरिकी राजदूत ज़लमिय ख़लीलज़ाद ने दूसरी दफा तालिबान से मुलाकात की थी। तालिबान अफगान सरकार से सीधे बातचीत के लिए इनकार करता है क्योंकि उनके मुताबिक अफगान सरकार अमेरिका का पपेट है।
अशरफ गनी ने बताया कि शांति वार्ता को आगे बढाने के लिए अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच समझौता है। उन्होंने कहा कि अफगान सरकार बातचीत चाहती है क्योंकि वह कमजोर स्थिति में हैं।
काबुल के मुताबिक अफगानिस्तान के तालिबान आतंकवादी पाकिस्तान में मज़े से रहते हैं, जिन्हें इस्लामाबाद इनकार करता रहा हैं।