सुप्रीम कोर्ट ने आज आयोध्या में राम जन्मभूमि केस की जल्द सुनवाई करने की अपील वाली याचिका खारिज कर दी।पिछले महीने सुप्रीम ने राम जन्मभूमि केस की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी थी उसके बाद ‘अखिल भारतीय हिन्दू महासभा’ की ओर से केस की जल्द सुनवाई के लिए एक अपील दायर की गई थी।
अपील को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ‘हम पहले ही कह चुके हैं कि सुनवाई जनवरी में होगी।’
पिछले महीने कोर्ट ने चार मिनट चली सुनवाई में कहा कि केस की अगली सुनवाई जनवरी 2019 में होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि ये 100 साल पुराना मामला है इसलिए इसपर जल्दी सुनवाई होनी चाहिए जिसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि ‘हमारी अपनी प्राथमिकताएं है।’
कोर्ट में पिछले महीन सुनवाई टलने के बाद देश की राजनीति में नया उबाल आ गया था। जहाँ कांग्रेस ने कोर्ट के इस कदम का स्वागत किया था वहीँ संघ और कई हिंदूवादी संगठनों की तरफ से मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर कानून लाने का दवाब भी बढ़ गया था। भाजपा के राजसभा सांसद राकेश सिन्हा ने मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने की घोषणा की थी।
पिछले हफ्ते दिल्ली में संतों के सम्मलेन ‘धर्मादेश’ में भी मंदिर निर्माण के लिए सरकार से क़ानून बनाने की अपील की गई थी।
संघ ने भी कहा था कि अगर जरूरत हुई तो मंदिर निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन चलाने से संघ पीछे नहीं हटेगा। केंद्र में सरकार की सहयोगी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मंदिर निर्माण की अलख जगाने 25 नवम्बर को अयोध्या जाने वाले हैं।