जब से बिहार में महागठबंधन में बिखराव आया है, हर रोज किसी ना किसी नेता का बयान आता ही रहता है। रविवार 3 सितम्बर को हुए मोदी सरकार के मन्त्रिमण्डल विस्तार में जेडीयू को जगह ना मिलने के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब नीतीश कुमार पर विश्वास नहीं करते। जिस आदमी ने अपने ही लोगों को धोखा दिया हो उसपर कोई कैसे विश्वास कर सकता है। उन्होंने नीतीश कुमार की तुलना भैंस से करते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा था कि खूँटा बदल लेने से क्या भैंस ज्यादा दूध देगी? सोमवार, 4 सितम्बर को लोक संवाद कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव को बेरोजगार बना दिया है और मीडिया ने लालू जी को डार्लिंग बना लिया है।
कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश नहीं – नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि वह महागठबंधन में उनकी सहयोगी रही कांग्रेस पार्टी को तोड़ने की कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार के कामकाज से ही फुर्सत नहीं मिल पाती है फिर वो कांग्रेस को तोड़ने के लिए राजनीतिक षडयंत्र बनाने में अपना समय क्यों बर्बाद करेंगे। उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब से जेडीयू महागठबंधन से अलग हुई है लालू जी बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे हालातों में जेडीयू द्वारा कांग्रेस को तोड़े जाने की खबर फैलाकर वह कांग्रेस को हतोत्साहित करने का काम कर रहे हैं जिससे बिहार कांग्रेस के सभी बड़े नेता उनके काबू में रहे।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि लालू प्रसाद यादव की सबको अपने जेब में रखने की आदत है। कांग्रेस के कुछ विधायक ऐसे हैं जो लालू प्रसाद यादव के इशारे पर नाचना नहीं चाहते। ऐसे में परिस्थितियों को संभालना लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए उन्होंने हम पर कांग्रेस को तोड़ने का आरोप मढ़ दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनका पूरा ध्यान अभी बिहार के विकास पर लगा हुआ है और इसके लिए वो कटिबद्ध भी हैं। उन्होंने कहा कि जेडीयू-भाजपा गठबंधन सरकार बिहार में जनता के हिट में कार्य करती रहेगी।
“मीडिया के डार्लिंग” हैं लालू
नीतीश कुमार ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को “मीडिया का डार्लिंग” करार दिया। उन्होंने कहा कि लालू जी चर्चा में बने रहने के लिए तरह-तरह के बयान देते हैं और और मीडिया के लोग उनके बयानों को तरजीह भी देते हैं। अखबार वाले उन्हें 24 पन्नों पर और टीवी वाले उन्हें 24 घंटे कवर करते हैं। लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार को भस्मासुर कहा था और उसके बाद लगातार जेडीयू अध्यक्ष पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं।
नहीं थी मोदी मन्त्रिमण्डल विस्तार में शामिल होने की अपेक्षा
रविवार, 3 सितम्बर को हुए मोदी कैबिनेट विस्तार पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से भाजपा का मन्त्रिमण्डल विस्तार था। इस मन्त्रिमण्डल विस्तार में एनडीए के अन्य किसी घटक दल की सहभागिता नहीं है। जेडीयू को इस मन्त्रिमण्डल विस्तार में शामिल होने की ना इच्छा थी और ना ही अपेक्षा थी। हमे सरकार की तरफ से मन्त्रिमण्डल में शामिल होने का कोई न्यौता नहीं मिला था। बेवजह मीडिया ने इस बात को तूल दिया कि जेडीयू मोदी मन्त्रिमण्डल का हिस्सा बनने जा रही है। इसी वजह से आज “मीडिया के डार्लिंग” बने लोग भी जेडीयू पर तंज कस रहे हैं।