आर्थिक मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की शरण में गए पाकिस्तान के कर्ज के आंकलन पर चीन ने बयान दिया है। चीन ने कहा कि आईएमएफ को सीपीईसी परियोजना में चीनी निवेश का आंकलन निष्पक्ष और पेशेवर तरीके से करनी से चाहिए। चीन ने पाकिस्तान को आश्वस्त करते हुए कहा कि किसी भी आर्थिक पैकेज से बीजिंग और इस्लामाबाद के रिश्तों में कड़वाहट नहीं आएगी।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार सीपीईसी के कर्ज से सम्बंधित जानकारी आईएमएफ के साथ साझा करने को तैयार है। पाकिस्तान सरकार नै बैलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ से आधिकारिक वार्ता इंडोनेशिया में बैठक के दौरान की थी।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन आईएमएफ द्वारा निष्पक्ष और पेशेवर तरीके पाकिस्तान के कर्ज का आंकलन चाहता है। उन्होंने कहा इससे दोनों राष्ट्रों के मध्य कोई खटास नहीं आएगी। उन्होंने कहा आईएमएफ के सदस्य देश होने के नाते चीन चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान के हालातों का जायजा ले। उन्होंने कहा कि चीन आईएमएफ की पाकिस्तान को आर्थिक मदद करने में सहयोग करेगा।
सीपीईसी दो राष्ट्रों की बराबर भागीदारी वाला समझौता है। पाकिस्तान की सरकार ने कर्ज का खुलासा पहले ही कर दिया है उसमे साफ़ है कि चीनी कर्ज बेहद कम है।
सीपीईसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की ख़राब हालत का जिम्मेदार नहीं है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा चीन पाकिस्तान के साथ सीपीईसी प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए कार्य करने के इच्छुक है। पाकिस्तान को अपनी काबिलियत पर विकास करने में चीन मदद करेगा।
पाकिस्तान की नवनिर्वाचित सरकार के बनने के बाद चीन ने सीपीईसी के विस्तार की योजना को मुक्कमल करने कवायद शुरू कर दी है। हालाँकि इस परियोजना का बलूचिस्तान में विरोध हो रहा है। पाक अधिकृत कश्मीर से सीपीईसी के गुजरने के कारण भारत भी इस परियोजना का विरोध करता रहा है।
कर्ज में होने के कारण पाकिस्तान की सरकार ने इस परियोजना की दोबारा समीक्षा की बात कही थी। वित्त मंत्री असद उमर ने बताया कि इस वर्ष वापस लौटाने का कर्ज 9 बिलियन डॉलर है जो आईएमएफ मुहैया नहीं कर सकता।
अमेरिकी प्रशासन ने चीनी परियोजना का विरोध करते हुए कहा था कि सीपीईसी चीन की विकासशील देशों को कर्ज में फंसाकर उनका भूभाग हथियाने की चाल है। जुलाई में अमेरिकी सचिव ने आईएमएफ को चेताया था कि चीन का कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को कोई बैलआउट पैकेज न दिया जाये।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा था कि पाकिस्तान की कर्ज की गुजारिश की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा चीनी कर्ज की वजह से पाकिस्तान कर्ज के दलदल में डूबा हुआ है।