अब ओला-उबर कैब के ड्राईवर जल्द ही धरने पर जा सकते हैं। इन ड्राईवरों की माँग है कि कैब के किराए में वृद्धि कि जाये, इसी के साथ यात्रा के दौरान इनकी भी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी को पुख्ता किया जाये।
मंगलवार को बहुत से कैब ड्राईवर छुट्टी पर चले गए थे, जिसके बाद यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था, लेकिन 22 अक्टूबर को प्रस्तावित हड़ताल से दैनिक यात्रियों को और भी ज्यादा बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ड्राईवरों ने अपनी माँग रखते हुए कहा है कि सबसे पहले तो ओला-उबर का किराया बढ़ाया जाये और इसी के साथ हमारी सुरक्षा के लिए भी कंपनी द्वारा पुख्ता इंतजाम भी किए जाएँ। ड्राईवरों का कहना है कि यात्री कई बार नशे की हालत में हमारे साथ बदतमीजी से पेश आते हैं, लेकिन हमें सब सहना पड़ता है। इस दौरान कई बार वे हिंसक भी हो जाते हैं।
ड्राईवरों की माने तो सभी यात्रियों का केवाईसी वेरिफिकेशन होना चाहिए। जिससे इस तरह के यात्रियों को चिन्हित करके उन्हे अगली बार ऐसा करने से रोका जा सके।
इसके अलावा ड्राईवरों ने अपनी मुख्य माँग किराए की बढ़ोतरी को लेकर रखी है। ड्राईवरों के अनुसार किराया 16 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से बढ़ाया जाये।
इसी के साथ वे चाहते हैं कि उनकी गाड़ी में लगाया गया स्पीड गवर्नर भी हटाया जाए।
उनकी यह भी माँग है की कंपनी यात्री से कमिशन ले ना कि ड्राईवर से, इसी के साथ वे चाहते हैं कि जब तक उनका अनुबंध चले, उनसे कार को न छिना जाये।
ड्राईवरों की मांगों में स्वास्थ संबंधी माँगे भी है, ड्राईवरों के अनुसार कंपनी उन्हे बीमा के साथ में ही हेल्थ कार्ड जैसी सुविधा भी मुहैया कराये।
वहीं दूसरी ओर उबर ने इस पर कहा है की “यह बस कुछ ड्राईवरों द्वारा किया गया प्रदर्शन मात्र था, इससे कंपनी के काम को कोई फर्क नहीं पड़ा है।”