यूरोपियन संघ ने कम्बोडिया को चेताया है कि वह दुनिया के सबसे बड़े व्यापार संघ के साथ का विशेषाधिकार खो देगा। ईयू ने साथ ही म्यांमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यही हश्र म्यांमार का भी होगा। ईयू दक्षिण एशिया के उन सभी देशों पर व्यापार प्रतिबन्ध लगाएगा जो मानवाधिकार का उल्लंघन करेंगे।
दक्षिणपंथी समुदाय और यूरोपियन संसद के दबाव के बाद संघ के अध्यक्ष ने कहा कि म्यंमार और कम्बोडिया से व्यापार के विशेषाधिकार छिन लिया।
ईयू ने कम्बोडिया को जुलाई मे चेताया था कि अगर चुनाव के बाद सत्ता पर 30 बाद ताक़तवर नेता की वापसी जिसने विपक्षी नेताओं पर जुल्म किया है तो कम्बोडिया अपने विशेषाधिकार खो बैठेगा। म्यांमार को रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के साथ हिंसक नीति अपनाने के लिए चेताया है।
ईयू के मंत्री ने कहा कि हमारी नीतियां मूल्योंं पर आधारित है। जहां हिंसा होंगी हम उसके खिलाफ खड़े होंगे। उन्होंने म्यांमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने मानव अधिकारों का उल्लंघन किया है। म्यांमार की नेता आंग सां सु की इस सैन्य दमन को रोकने में विफल रही है।
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक रखाइन प्रान्त में म्यांमार की सेना ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया। साथ ही इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया।
म्यांमार इन रिपोर्टों को खारिज करता रहा है। म्यांमार की सरकार के अनुसार सेना ने आतंकवादियों को ढूढ़ने के लिए अभियान चलाया था। शुक्रवार को एक रिपोर्ट द्वारा म्यांमार पर व्यापार प्रतिबन्ध की पुष्टि की जा चुकी है।
म्यांमार की सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि न विशेषाधिकार समाप्त होने से देश पर बेरोजगारी का संकट आन पड़ेगा।
सरकार ने जांच टीम गठित कर दी है जो मानवधिकार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।
ईयू की प्रवक्ता ने बताया कि कम्बोडिया को उन्होंने सूचित कर दिया है कि ईयू उनसे ईबीए यानी हथियार के अलावा कुछ भी का व्यापार का अधिकार वापस ले रहा है। यह एक विशेष अधिकार है जिसके तहत दुनिया के गरीब राष्ट्रों को ईयू के साथ मुफ्त व्यापार करने की अनुमति मिलती है।
कम्बोडिया ने पीछले वर्ष ईयू के साथ पांच बिलियन डॉलर का व्यापार किया था। कम्बोडिया में जुलाई में हुए चुनाव ने पश्चिम के साथ उनके रिश्तों के समीकरण को बिगाड़ दिया।
राष्ट्रपति हून सेन तीन दशक बाद सत्ता पर वापस लौटे हैं और विपक्षी समर्थकों से मताधिकार छीन लिया गया। विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई के कारण ईयू कम्बोडिअ से यह विशेष अधिकार वापस ले रहा है।