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    पीठ के निचले हिस्से में दर्द

    कमर के निचले हिस्से में दर्द एक बहुत ही गंभीर समस्या है। यह आज कल बहुत आम बीमारी हो गयी है। लगभग 80 प्रतिशत लोग अपनी जिन्दगी में इसका सामना एक ना एक बार जरूर करते हैं।

    यह दर्द इतना भयंकर बन जाता है कि ना बैठने पर, ना लेटने पर व ना खड़े होने पर कैसे भी आराम नहीं मिलता।

    तो आइए देखते हैं की ये दर्द क्या है, कैसे होता है, इसके क्या लक्षण हैं व इससे बचने के कुछ उपाय।

    विषय-सूचि

    कमर (पीठ) के निचले हिस्से का दर्द क्या है? (coccydynia in hindi)

    गुदास्थि आपके कूल्हों के बीच में व गुदे के ऊपर स्थित होता है। जब गुदास्थि सूज जाती है तो वह कोमल हो जाती है और इसमे भयंकर दर्द होने लगता है।

    बैठने पर यह दर्द और भयावह रूप धारण कर लेता है। डॉक्टरी भाषा मे इस दर्द को कोक्सीडैनिया (coccydynia) कहते है।

    कोक्सीडैनिया के कारण (cause of coccydynia in hindi)

    कमर के निचले हिस्से में चोट लगना इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है। आइए जानते हैं कुछ और कारण जिनसे यह उत्पन होता है।

    1. गिरना चोट लगने का सबसे बड़ी वजह है। बैठे बैठे कमर के बल पीछे गिरने से गुदास्थि को बहुत क्षति पहुंचती है। यह भी मुख्य कारणों में से एक है।
    2. खेल के दौरान सीधा सम्पर्क होने से भी निचले हिस्से पर बुरा असर पड़ता है।
    3. प्रेग्नेंसी के दौरान भी यह हड्डी भंग हो सकती है। प्रेग्नेंसी में त्रैमासिकों के दरमियान इस हड्डी में दर्द की शिकायत आम है।
    4. गेंदबाजी, रोइंग व साइकिल चलाने से भी यह हड्डी सूज जाती हैं। जिसके कारण दर्द की शिकायत पैदा हो जाती है।
    5. कभी-कभी कमर के निचले हिस्से में दर्द बिना किसी सटीक कारण के भी हो जाता है।
    6. बोन स्पर्स यानी हड्डियों मे कूब होने से गुदास्थि पे अत्यधिक दबाव पड़ता है जिससे दर्द पैदा होता है। यह कारण इतना लोकप्रिय नहीं है।
    7.रीढ़ की हड्डी में पस पड़ जाना एक बहुत ही भयावह स्थिति है। इस कारण से भी कई बार निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
    8. सबसे खतरनाक एवं असामान्य कारण है कैंसर। ये असाधारण कारण जरूर है किन्तु असंभव नहीं। इसलिए आपको इस दर्द को गंभीरता से लेना चाहिये।

    कोक्सीडैनिया के लक्षण (symptoms of coccydynia in hindi)

    निचले हिस्से के दर्द की वजह जानने के बाद जरूरी है इसके लक्षणों को पहचानना। यह एक गंभीर समस्या है इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए व तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

    इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है –
    1. निचला हिस्सा बहुत कोमल होता है तो इसमे दर्द असानी से पता लगाया जा सकता है।
    2. निचले हिस्से को ध्यान से देखे कही चोट का निशान तो नही।
    3. बैठने पर अत्यधिक दर्द होना इसका सबसे बड़ा लक्षण हैं। यह दर्द दबाव के साथ साथ बढ़ जाता है।
    4. मल त्याग करने के दौरान दर्द व खिंचाव की शिकायत होना।
    5. सम्भोग के दौरान असहनीय दर्द होना भी इसके कई लक्षणों में से एक हैं।

    निचले हिस्से में चोट से बचने के तरीके

    कमर का निचला हिस्सा बहुत नाजुक व कोमल होता है। जितना हो सके हमें इस हिस्से की देखभाल करनी चाहिए और फालतू की चोट लगने से बचना चाहिए।

    चोट से बचने के कुछ उपाय है:
    1. खेलकूद के दौरान अपना बचाव करे। सुरक्षात्मक गियर का प्रयोग करे।
    2. अपने आसपास की चीजों का ध्यान रखे, देख कर चले कि कही नीचे पानी या बर्फ तो नहीं है। कमर के बल गिरना चोट का मुख्य कारण है इसलिए नीचे देख कर चले।
    दुर्घटना से भली सावधानी होती है। इन चीजों का ध्यान रखे व अपने आप को चोट लगने से बचाए।
    अगर फिर भी कोई दुर्घटना हो जाए तो घबराएं नहीं। निम्नलिखित उपाए अपनाए।

    पीठ के नीचे हिस्से के दर्द के उपाय (coccydynia treatment in hindi)

    कमर के निचले हिस्से में दर्द को कम यहा तक की ख़त्म करने के कई घरेलू उपचार है। तो आइए देखते हैं कुछ नुस्खे जो जो अपको इस परेशानी से निजात दिला सकते हैं।

    1. गरम या ठंडी सिकाई

    यह तरीका सबसे ज्यादा अपनाए जाना वाला तरीका है। सिकाई हमारे शरीर में हो रहे खिंचाव एवं सूजन से हमे निजात दिलाते हैं।

    गरम पानी की बॉटल या गरम पैड से सिकाई दोनों ही इसमे आराम देते हैं। वही दूसरी ओर ठंडे पैक से भी आप सिकाई कर सकते हैं। इसके लिए आइस पैक का उपयोग करे।

    गरम पानी से नहाने पर भी दर्द में आराम मिलता है।

    सामग्री – गरम पानी की बॉटल या पैड या फिर आइस पैक

    विधि – कमर के निचले हिस्से में जहा दर्द हो वहा इनसे सिकाई करे। ऐसा करने से दर्द में तो आराम मिलता ही है वही दूसरी ओर सूजन भी कम होती है।

    2. मसाज

    लेवेटर आनी एक ऐसी मसल है जो पेलविक फ्लोर के पास व गुदास्थि के बराबर में स्थित होती है।

    काफी अध्ययन करने के बाद पता चला है कि इस मसल की मसाज करने से निचले हिस्से में दर्द काफी हद तक कम हो जाता है।

    मसाज करने से इस दर्द के लक्षणों को ख़त्म भी किया जा सकता है।

    सामग्री – मसाज ऑइल

    विधि – हल्के हाथों से कुछ दबाव के साथ दर्द वाली जगह पर 10-15 मिनट दिन में 2-3 बार मसाज करें।

    3. विटामिन

    यह दर्द विटामिन डी, बी6 व बी12 की कमी से होता है। विटामिन डी हमारे हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी होता है। इसकी कमी हड्डियों मे दर्द पैदा कर देती है।

    ज्यादा कमी हड्डियों को कमजोर बना देती है। विटामिन डी कैल्शियम के साथ मिलकर हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखता है।

    विटामिन बी भी हड्डियों के स्वस्थ के लिए अतिआवश्यक होता है। इनकी कमी शरीर में बहुत दर्द उत्पन कर सकती है। धूप, समुद्री खाना, चीज, हरी सब्जियां, सोया, दाल आदि का सेवन जरूर करे व अपने शरीर में इनकी कमी ना होने दे।

    अगर तब भी कमी आ रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए और उचित विटामिन की दवाइयाँ ले।

    4. कास्टर ऑइल

    यह आराम पाने का सबसे स्थिर तरीका है। कास्टर ऑइल से सूजन बहुत जल्दी कम होती है जिससे बहुत जल्दी आराम पड़ता है। यह अपने कीटनाशक गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह तेल निचले हिस्से के संक्रमण का भी इलाज कर देता है।

    सामग्री – कुछ बूँद कास्टर ऑइल व पट्टीयां

    विधि – तेल गरम करके कमर व निचले हिस्से में मसाज करें और उसके बाद पट्टी को लपेट ले। हो सके तो यह उपाय रात को सोने से पहले करे। इस उपाय को हर रात करे व तब तक करे जब तक दर्द पूरी तरह से ख़त्म ना हो जाए।

    5. सेंधा नमक

    सेंधा नमक सबसे ज्यादा अपनाए जाने वाले तरीकों में से एक है। सेंधा नमक मिले पानी से नहाने से थकान एवं तनाव दूर होता है जिससे नसों की सूजन व जकड़न दूर होती है। यह शरीर का विषहरण भी करने में काम आता है।

    सामग्री – 2 कप सेंधा नमक, बाथटब व गरम पानी

    विधि – बाथटब में गरम पानी करे। इस पानी में सेंधा नमक अच्छी तरह मिलाएँ। इस पानी में कम से कम 10-15 मिनट बिताए। इस विधि को दिन में दो से तीन बार करे।

    कमर के यह निचले हिस्से का दर्द बहुत कष्टदायी होता है। जितना हो सके इससे बचने के तरीके अपनाए। अगर यह दर्द आपको परेशान कर रहा है तो घबराएं नहीं और इन तरीकों को अपनाये।

    इस लेख से सम्बंधित किसी भी सवाल या सुझाव को आप नीचे कमेंट के जरिये हमसे पूछ सकते हैं।

    4 thoughts on “पीठ के निचले हिस्से में दर्द : कारण, इलाज”

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