भारती एयरटेल नें मार्च तिमाही के दौरान भारत में अपने कारोबार में करीबन 652 करोड़ रूपए का घाटा झेला। आज एयरटेल नें इस घाटे का कारण ट्राई के नए नियम और डेटा प्लान में छिड़ी जंग को बताया है।
भारती एयरटेल के मुख्य वित्त अधिकारी निलंजन रॉय नें बताया,
इस तिमाही में 10.5 फीसदी का घाटा होने का कारण भारत में डेटा कीमतों में गिरावट और एयरटेल का व्यापार है।
उन्होनें आगे बताया, “इसका मुख्य कारण घरेलु और अंतराष्ट्रीय कटौती चार्ज और मोबाइल कीमतों में दबाव है।”
भारती एयरटेल नें कल ही वित्त वर्ष 2017-18 के मार्च तिमाही में करीबन 652 करोड़ का घाटा दर्ज किया था।
आपको बता दें कि इस तिमाही से पहले एयरटेल प्रति ग्राहक करीबन 158 रूपए कमाता था। इस तिमाही में यह संख्या करीबन 26 फीसदी गिरकर 116 रूपए हो गयी है।
एयरटेल के घाटे के कारण
एयरटेल के मुताबिक इस तिमाही में होने वाले घाटे के मुख्य कारण निम्न हैं:
- ट्राई नामक संस्था नें घरेलु मोबाइल में कॉल समाप्ति चार्ज को 14 पैसे प्रति मिनट से घटाकर 6 पैसे कर दिया था। यह फैसला 1 अक्टूबर 2017 को लिया गया था और इसके बाद से ही एयरटेल का घाटा शुरू हो गया था। इसी चार्ज को अंतराष्ट्रीय स्तर पर 53 पैसे प्रति मिनट से घटाकर 30 पैसे प्रति मिनट कर दिया गया है।
- रिलायंस जिओ के आगमन के बाद से डेटा प्लान की कीमतें काफी कम हो गयी हैं। इससे पहले एक जीबी डेटा करीबन 150 रूपए में मिलता था। अब 1 जीबी डेटा 5 रूपए से भी कम में मिलता है।
- कालिंग और मेसेज की सेवाएं जिओ के आने के बाद से मुफ्त हो गयी हैं। एयरटेल की कमाई का एक बड़ा स्त्रोत कालिंग थी और अब ग्राहक इसके लिए कोई पैसा नहीं दे रहे हैं।
14 साल में पहली बार घाटा
आपको बता दें कि भारती एयरटेल नें पिछले 14 सालों में पहली बार अपने व्यापार में घाटे का सामना किया है। इसके बावजूद एयरटेल इस समय देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है।
साल 2017-18 की अंतिम मार्च तिमाही में एयरटेल नें नेट मुनाफा 82 करोड़ का दर्ज किया है, जो पिछले साल इसी तिमाही में 373.4 करोड़ रूपए था।
एयरटेल की कुल कमाई करीबन 10.5 पांच फीसदी गिर गयी है।
एयरटेल के दक्षिण एशिया में मुखिया गोपाल विट्टल नें बताया कि एयरटेल के लिए अब यह जरूरी है कि वह और अधिक ग्राहकों को अपने से जोड़े। इसके अलावा इनमें से मुख्य रूप से डेटा ग्राहक होने चाहिए।
विट्टल ने बताया, “घाटे की लहर जारी है। सबसे बुरी खबर कमाई में कटौती है। ऐसे में आने वाले समय में मुकाबला और भी कड़ा होने वाला है।”
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी निलंजन रॉय नें बताया है कि कंपनी जल्द ही करीबन 27,000 से 28,000 करोड़ रूपए खर्च करने जा रही है, जिससे नेटवर्क को बेहतर बनाया जाएगा और अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा।
पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में एयरटेल नें करीबन 24,000 करोड़ रूपए का निवेश किया था।
एयरटेल अफ्रीका से मिली राहत
भारती एयरटेल के लिए अफ्रीका से एक अच्छी खबर आई है कि वहां कंपनी नें अच्छा काम किया है।
जहाँ पिछले साल कंपनी नें अफ्रीका में 4 मिलियन डॉलर की कमाई की थी, इस साल यह बढ़कर 108 मिलियन डॉलर पहुँच गयी है।
एयरटेल के अफ्रीका में व्यापार 10.7 फीसदी की तेजी से बढ़ा है। अफ्रीका में ज्यादा से ज्यादा लोग कंपनी से जुड़ रहे हैं।
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