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    लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार

    बिहार की राजनीति में सत्ता की उथल-पुथल के बीच बयानबाजी जारी है। चंद दिनों पहले “बड़े भाई-छोटे भाई” की भूमिका में नजर आने वाले लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार अब एक दूसरे के सामने आ गए हैं। जेडीयू के भाजपा के साथ गठबंधन करने और महागठबंधन के टूटने से लालू यादव बौखला गए हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के शुक्रवार को दिए राज’भोग’ वाले बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘भोग’ को नीतीश से बेहतर कौन समझता है। पिछले 16 सालों में उन्होंने सत्ता भोग के लिए बिहार की सभी पार्टियों से गठबंधन कर सरकार बनाई है।

    लालू का नीतीश पर पलटवार

     

    बिहार की राजनीति में बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार सन 2000 में शपथ ली थी और तब वह सिर्फ 8 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे। वह अबतक 6 बार बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और इस दौरान उन्होंने बिहार की राजनीति में सक्रिय लगभग हर मुख्य पार्टी के साथ गठबंधन किया है। अपने पूरे शासनकाल में नीतीश कुमार ने अपनी छवि साफ़-सुथरी बना कर रखी है और इस वजह से ही उन्हें ‘सुशासन बाबू’ कहा जाता है। शुक्रवार को विश्वासमत हासिल करने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार अपने ऊपर लग रहे आरोपों के विषय में कुछ कहा था। उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि महागठबंधन को जनादेश किसी परिवार विशेष के राज’भोग’ के लिए नहीं मिला था। आरजेडी के कई नेता भी लालू यादव के पुत्र-मोह को महागठबंधन टूटने का कारण बता चुके हैं।

    लालू ने नीतीश पर लगाए आरोप

    आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कफ़न में जेब नहीं होती पर नीतीश के कफ़न में तो झोला है। नीतीश पर 302 का केस दर्ज है और इस पर संज्ञान लिया जा चुका है। उनको आजीवन कारावास या फांसी हो सकती है। वह अपनी भ्रष्टाचार विरोधी छवि के पीछे अपना आपराधिक चेहरा छिपाना चाहते हैं। वह भूल रहे हैं कि भ्रष्टाचार से बड़ा अत्याचार होता है। जेडीयू-भाजपा की सरकार के खिलाफ लालू ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है जिसपर सोमवार, 31 जुलाई को सुनवाई होनी है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।