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    योगी आदित्यनाथ

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हिंदुत्व, गाय और राम से प्रेम जग जाहिर है। इसकी बानगी पेश करते हुए उन्होंने कहा कि राम के नाम से चिढ़ाने वाले लोगों को इण्डोनेशिया से सबक लेना चाहिए। दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश होने के बावजूद भी इण्डोनेशिया को राम की परम्पराओं पर गर्व है। योगी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधान परिषद् में 2017-18 के बजट पर हुई सामान्य चर्चा का जवाब देते हुआ कहा कि प्रदेश की सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है। सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। धर्म, वर्ग या जाति विशेष पर ध्यान केंद्रित ना करते हुए सरकार सबके हित और विकास में कार्य कर रही है।

    अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को राम के नाम से चिढ़ होती है। राम के नाम को हिंदुत्व से जोड़कर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के साथ हमेशा से ही सौतेला व्यवहार हुआ है। जब इंसान के शरीर का अस्तित्व मिट जाता है और वह मिट्टी में मिलने जा रहा होता है तब उसकी अंतिम यात्रा में भी यही कहते हैं कि ‘राम नाम सत्य है’। राम का नाम ही सबकी मुक्ति का मार्ग होता है। इस सर्वविदित सत्य के बावजूद लोग राम से चिढ़ते हैं और आरोप लगाते हैं कि अयोध्या का नाम क्यों लिया। अयोध्या में हो रहे कार्यों का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि हमने अयोध्या में अब तक उपेक्षा झेल रहे घाटों का जीर्णोद्धार कराया है और वहाँ पर भगवान् राम से जुड़े आधुनिक संग्रहालय बनाने की दिशा में काम करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रामायण सर्किट के तहत रामभूमि अयोध्या को सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी से जोड़ने के लिए 4 लेन सीसी रोड बनाने क भी फैसला लिया गया है।

    निशाने पर रही सपा

    मुख्यमंत्री योगी ने सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुझे उन लोगों की मानसिकता पर तरस आता है जो राम को कोसते हैं। ये सत्ता के लालच में अपनी ही सभ्यता और संस्कृति का विरोध करने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या आकर दुनिया भगवान् राम के अद्भुत चमत्कारों को देखकर यह महसूस करेगी कि वास्तव में राम, राम क्यों हैं। उन्होंने समाजवादियों पर सीधा हमला करते हुए कहा कि समाजवादी राम मनोहर लोहिया के नाम पर वोट मांगते है पर शायद ये भूल जाते हैं कि उनका भी नाम राम से ही जुड़ा हुआ है। वह राम की परंपरा पर गर्व करने की बजाय राम नाम के उच्चारण से ही खुद को लज्जित महसूस करते है।

    उन्होंने कहा कि मथुरा और काशी के साथ भी सौतेला व्यवहार हुआ है और वे इनके विकास के लिए कार्य करेंगे। किसी भी देश की पहचान उसके इतिहास और सांस्कृतिक विकास से होती है। उन्होंने कहा कि आज देश को समाजवाद की नहीं राष्ट्रवाद की जरुरत है और समानता ही इसकी निशानी है। उन्होंने कहा कि ‘राम’राज का सम्बन्ध हिंदुत्व से नहीं है बल्कि सबकी तरक्की और खुशहाली से है। लोगों को अपनी यह अवधारणा बदलनी होगी।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।