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    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के दौरान पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। जबकि नॉमिनल जीडीपी 11% आंकी गई है। वित्त वर्ष 23 के लिए वास्तविक जीडीपी अनुमान 7% है।

    सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वेक्षण के अनुसार, पर्चेजिंग पावर पैरिटी के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सर्वेक्षण में भारत के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान, मुद्रास्फीति के अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे को शामिल किया गया है।

    मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने विश्व आर्थिक आउटलुक अपडेट में, चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 6.8 प्रतिशत पर बनाए रखा है और अगले वित्तीय वर्ष के दौरान यह 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है।

    उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी हो गई है और गैर-बैंकिंग और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में अब स्वस्थ बैलेंस शीट हैं। उन्होंने कहा, अब महामारी से उबरने की बात करने की जरूरत नहीं है और हमें अगले चरण की ओर देखना होगा।

    नागेश्वरन ने कहा, आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2022-23 की पहली छमाही में 10 क्षेत्रों में निजी निवेश 2021-22 की पहली छमाही की तुलना में अधिक है। इनमें फार्मा, टेक्सटाइल, सीमेंट, केमिकल और कैपिटल गुड्स शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा मिश्रण के अपने लक्ष्यों से काफी आगे है।

    आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?

    आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था का क्या हाल है? आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले वर्ष के लेखाजोखा और आने वाले वर्ष के सुझावों, चुनौतियों और समाधानों का उल्लेख किया जाता है। बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है।

    आर्थिक मामले वित्त मंत्रालय के अधीन इकोनॉमिक डिवीजन होता है। यह इकोनॉमिक डिवीजन मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करता है। वर्तमान में मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन हैं।

    आर्थिक सर्वेक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?

    आर्थिक सर्वेक्षण यह बताता है कि हमारी अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है और इसे सुधारने के लिए हमें क्या करने की जरूरत है।

    सरकार सर्वेक्षण प्रस्तुत करने और उसमें किए गए सुझावों या सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं है। सरकार चाहे तो इसमें दिए गए सभी सुझावों को खारिज कर सकती है। फिर भी, यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पिछले वर्ष की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा देता है।

    पहला आर्थिक सर्वेक्षण कब प्रस्तुत किया गया था?

    भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में केंद्रीय बजट के एक भाग के रूप में प्रस्तुत किया गया था। हालाँकि, 1964 के बाद से, सर्वेक्षण को केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया था। तब से, आर्थिक सर्वेक्षण बजट की प्रस्तुति से ठीक एक दिन पहले जारी किया जाता है।

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