Thu. Nov 28th, 2024
    WPI Inflation: Highest in last 9 years

    WPI Inflation: एक तरफ़ जहाँ अप्रैल के महीने में भारत का बड़ा हिस्सा साम्प्रदायिक दंगों में उलझा था, दूसरी तरफ़ महंगाई चुपके से अपने चरम की ओर जा रहा था। मंगलवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति (WPI Inflation) 15.08% के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई जो पिछले 9 सालों में अधिकतम है।

    1 साल से WPI Inflation दर दोहरे अंकों में

    महंगाई के आंकड़े अब ऐसे आ रहे हैं कि नित एक नया रिकॉर्ड बन जा रहा है। सरकार द्वारा बेतहाशा बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए किए जा रहे तमाम उपाय अभी तक तो असफल रहे हैं।

    अभी बीते दिनों खुदरा महंगाई आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी थी। अब महंगाई के नए आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर नौ सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

    ग़ौरतलब है कि थोक मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से, यानि लगातार 13 महीनों से, दोहरे अंकों में है। पिछले साल अप्रैल में यह दर 10.74% थी जो अब बढ़कर 15% से ऊपर जा चुकी है।

    सरकार ने बताया, क्या है वजह

    बेतहाशा और अनियंत्रित महंगाई को लेकर वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इन बढ़े हुए दरों के लिए खनिज तेलों, मूल धातुओं कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थ, रासायनिक उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी जिम्मेदार है।
    आँकड़े भी सरकार के बयान की गवाही दे रहे हैं। खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति 8.35% रही क्योंकि सब्जियों, गेहूँ, फलों और आलू की कीमतों में इस महीने पिछले साल की तुलना में बड़ा इज़ाफ़ा देखने को मिला।

    ईंधन व बिजली में मुद्रास्फीति दर 38.66% थी जबकि कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस में यह दर 69.07% थी। इसके अलावा मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों व तिलहन में मुद्रास्फीति क्रमशः 10.85% और 16.10% थी।

    खुदरा महंगाई आठ सालों में अधिकतम

    पिछले हफ्ते सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश मे खुदरा महंगाई दर (CPI) भी अप्रैल के महीने में आठ सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। मार्च में यह आंकड़ा 6.95% थी जो अब अप्रैल में बढ़कर रिकॉर्ड 7.79% हो गई।

    इसी के मद्देनजर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल में मौद्रिक नीति कमिटी की आपात बैठक बुलाकर रेपो (Repo) व CRR को बढ़ाया था।

    यह भी पढ़ें: Repo Rate Hike by RBI: बढ़ती महंगाई के बीच RBI ने रेपो (Repo Rate) और कैश रिजर्व अनुपात (CRR) में बढ़ोतरी कर आम आदमी को दिया झटका, बैंक से लोन लेना व EMI होगा महंगा

    आगामी महीनों में भी ऐसी ही महंगाई का अनुमान

    कोविड 19 के कारण चीन के बाजारों में डिमांड लगातार गिरने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले लगातार नीचे गई है। इस से भारत मे आयातित वस्तुओं की कीमतें ऊपर जाएंगी।

    इसलिए उम्मीद यही है कि अगले महीने भी महंगाई दर 15% के आस पास ही रहेगी। इस से यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि जून में निर्धारित अगली मीटिंग में RBI द्वारा नीतिगत दरों जैसे रेपो (Repo), CRR आदि में और भी नकेल कसी जा सकती है।

    यह भी पढ़ें:

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *