केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द ही वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस बैठक में वित्तीय नियामकों को राजमार्गों, गैस पाइपलाइन और रेलवे ट्रैक जैसी सार्वजनिक संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट्स) जैसे उपकरणों के लिए निवेश मानदंडों में ढील और सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
वित्तीय क्षेत्र के नियामकों – आरबीआई, सेबी, आईआरडीए और पीएफआरडीए के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए परिषद की बैठक – सरकार द्वारा राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का अनावरण करने के बाद काफी महत्व रखती है। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) चार साल में अनुमानित ₹ 5.96 लाख करोड़ के मुद्रीकृत होने वाले क्षेत्रों में संपत्ति सूचीबद्ध कर रही है।
अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना महामारी से बाहर नहीं आयी है और वित्त मंत्री सीतारमण ने उद्योग से बैंकों से परे देखने और अपनी वित्तीय जरूरतों के लिए बाजारों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। एफएसडीसी द्वारा चर्चा की जाने के बाद कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार में निवेश को आसान बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए कदम भी अपेक्षित हैं।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि, “एफएसडीसी की बैठक की योजना कुछ समय से बनाई जा रही है और इसे जल्द ही बुलाया जाएगा।”
नीति आयोग ही एनएमपी का संचालन कर रही है। आयोग ने निवेशक आधार के विस्तार के लिए इनविट्स और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी) जैसे मुद्रीकरण उपकरणों के पैमाने के महत्व पर जोर दिया है और ऐसे निवेशों पर अलग-अलग रुख अपनाने वाले नियामकों के बारे में चिंता व्यक्त की है। इनविट्स और आरईआईटी को एफपीआई से पैसा उधार लेने और ऋण प्रतिभूतियों को जारी करने में सक्षम बनाने के लिए केंद्रीय बजट में घोषित उपायों की भी एफएसडीसी द्वारा समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। साथ ही व्यक्तिगत नियामकों द्वारा लागू किए गए परिवर्तनों की प्रभावकारिता की भी जांच की जा सकती है।
उदाहरण के लिए स्टॉक मार्केट वॉचडॉग सेबी ने हाल ही में इनविट्स और आरईआईटी के लिए न्यूनतम निवेश राशि को घटाकर ₹10,000-₹15,000 कर दिया है ताकि खुदरा निवेशकों को भाग लेने में सक्षम बनाया जा सके। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के साथ-साथ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कठिन शर्तों के बावजूद इनविट्स में अपने कॉर्पस के 5% तक निवेश की अनुमति दी है।